नोटबंदी साहसी कदम, अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा: जेटली

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नोटबंदी को ‘साहसी व निर्णायक’ कदम करार देते हुए आज कहा कि इसका अर्थव्यवस्था पर बहुस्तरीय प्रभाव होगा और इससे बड़ी, साफ व वास्तविक जीडीपी सृजित होगी। आम बजट 2017-18 पेश करते हुए उन्होंने कहा, ‘हम अनौपचारिक से औपचारिक अर्थव्यवस्था की ओर जा रहे हैं और सरकार को अब सार्वजनिक धन के विश्वसीय संरक्षक के रूप में देखा जा रहा है।’ उन्होंने कहा कि नोटबंदी अनेक कदमों की शृंखला में एक साहसी व निर्णायक कदम है जिससे बड़ी, स्वच्छ व वास्तविक जीडीपी का नया चलन सामने आएगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नोटबंदी का अर्थव्यवस्था पर अस्थायी असर रहेगा जबकि कर राजस्व व ऊंची जीडीपी वृद्धि के रूप में दीर्घकालिक फायदे होंगे। उल्लेखनीय है कि सरकार ने 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी की घोषणा करते हुए 500 व 1000 #पये के मौजूदा नोटों को चल से बाहर कर दिया। सरकार ने इस पहल को कालेधन व भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक कदम करार दिया था।

3 लाख तक की आय करमुक्त, 5 लाख तक आय पर टैक्स आधा
सरकार ने आज मध्यम वर्ग को राहत प्रदान करते हुए व्यक्तिगत आयकर के स्लैब में परिवर्तन करते हुए ऐलान किया कि तीन लाख रुपए तक की वार्षिक आय पर कोई कर नहीं लगेगा। 3 से 3.5 लाख रुपए तक की आय पर कुल 2500 रुपए वार्षिक कर लगेगा और तीन से पांच लाख रुपए तक की वार्षिक आय वाले लोगों के लिए टैक्स की दर 10 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दी गयी है। पांच से 10 लाख रुपए तक की वार्षिक आय वालों पर कर की दर 20 प्रतिशत और 10 लाख रुपए से ज्यादा आय वालों पर 30 प्रतिशत की पुरानी दर से कर लगता रहेगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज पेश किये गये अपने बजट भाषण में नई कर दरों की घोषणा करते हुए कहा कि हमारा प्रयास ज्यादा से ज्यादा लोगों को कर के दायरे में लाना है। माना जा रहा है कि सरकार के इस प्रयास से आयकर दाताओं को 12500 रुपए का वार्षिक लाभ होगा। 50 लाख रुपए से एक करोड़ रुपए की वार्षिक आय पर 10 प्रतिशत सरचार्ज लगेगा। एक करोड़ रुपए से ज्यादा की वार्षिक आय पर 15 प्रतिशत सरचार्ज लगेगा।

कृषि क्षेत्र के लिए 10 लाख करोड़ का ऋण उपलब्ध कराने का लक्ष्य
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस साल के बजट में कृषि पर विशेष जोर देते हुए किसानों की आय अगले पांच साल में दोगुना करने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई है तथा कृषि क्षेत्र के लिए वित्त वर्ष 2017-18 में कर्ज का लक्ष्य एक लाख करोड़ रुपये बढ़ाकर रिकार्ड 10 लाख करोड़ रुपये किया है। जेटली ने आज अपने बजट भाषण में कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2017-18 में कृषि ऋण के लिये लक्ष्य रिकार्ड 10 लाख करोड़ रुपये तय किया गया है।’’ सरकार पूर्वोत्तर तथा तथा जम्मू कश्मीर में कृषि क्षेत्र के लिए ऋण प्रवाह सुनिश्चित करने के लिये विशेष उपाय करेगी। सरकार तीन लाख रुपये तक अल्पकालीन फसल कर्ज सब्सिडीशुदा सात प्रतिशत ब्याज दर पर उपलब्ध कराती है। कर्ज के समय पर भुगतान के लिये किसानों को प्रोत्साहन के रूप में तीन प्रतिशत की अतिरिक्त राहत दी जाती है। इस प्रकार, फसल ऋण पर प्रभावी ब्याज दर 4.0 प्रतिशत बैठती है। वित्त मंत्री ने रेखांकित किया कि चालू वित्त वर्ष में मानूसन के बेहतर रहने से कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 4.1 प्रतिशत रहेगी। खरीफ और रबी दोनों फसलों की बुवाई अधिक रही है। जेटली ने कहा कि पिछले साल शुरू की गयी नई फसल बीमा योजना ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ के लिये चालू वित्त वर्ष में आवंटन बढ़ाकर 13,240 करोड़ रुपये किया गया है जो बजट प्रस्ताव में पहले 5,500 करोड़ रुपये था। अगले वित्त वर्ष के लिए बजट में इस योजना के लिए 9,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है। उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का दायरा 2016-17 में 30 प्रतिशत फसल क्षेत्र से बढ़ाकर 2017-18 में 40 प्रतिशत तथा 2018-19 में 50 प्रतिशत किया जाएगा।’’ वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि अलग से 5,000 करोड़ रुपये के कोष से सूक्ष्म सिंचाई कोष बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों के लिये डेयरी अतिरिक्त आय का प्रमुख जरिया है। ऐसे में सरकार 2,000 करोड़ रुपये के शुरूआती कोष से डेयरी प्रसंस्करण कोष गठित करेगी जिसे तीन साल में बढ़ाकर 8,000 करोड़ रुपये किया जाएगा। जेटली ने यह भी कहा कि सरकार ठेका कृषि मॉडल कानून बनाएगी जिसे राज्यों को उपलब्ध कराया जाएगा।

एक अप्रैल से तीन लाख से अधिक के नकद लेनदेन पर प्रतिबंध
कालेधन के खिलाफ लड़ाई को आगे बढ़ाते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज वित्त वर्ष 2017-18 के बजट में आगामी एक अप्रैल, 2017 से तीन लाख रुपये से अधिक के सभी प्रकार के नकद लेनदेन पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव किया। जेटली ने अपने बजट भाषण में कहा कि एक सीमा से अधिक के नकद लेनदेन पर प्रतिबंध कालेधन पर घटित विशेष जांच दल (एसआईटी) की सिफारिशों के आधार पर लगाया जा रहा है। एसआईटी का गठन उच्चतम न्यायालय ने किया था। उन्होंने कहा कि तीन लाख रुपये से अधिक के सभी प्रकार के नकद लेनदेन पर प्रतिबंध होगा। न्यायमूर्ति एमबी शाह (सेवानिवृत्त) की अगुवाई वाली एसआईटी ने कालेधन पर अंकुश के कदमों पर अपनी पांचवीं रिपोर्ट जुलाई में उच्चतम न्यायालय को सौंपी थी। एसआईटी ने तीन लाख रुपये से अधिक के नकद लेनदेन को प्रतिबंधित करने का सुझाव देते हुए कहा था कि इस तरह के लेनदेन को गैरकानूनी तथा कानून के तहत दंडात्मक बनाने के लिए एक कानून बनाया जाना चाहिए।

एक व्यक्ति से 2000 से अधिक नगद चंदा नहीं ले सकेंगे दल
राजनीतिक दलों के वित्त पोषण एवं चंदे में पारदर्शिता लाने की पहल के तहत केंद्रीय बजट में प्रस्ताव किया गया है कि राजनीतिक पार्टियां एक व्यक्ति से 2000 रुपए से अधिक नगद चंदा नहीं ले सकतीं लेकिन वे दानदाताओं से चेक या डिजिटल माध्यम से चंदा प्राप्त कर सकती हैं और इसके लिये चुनाव बांड भी जारी किये जायेंगे। राजनीतिक दलों को निर्धारित समय सीमा के भीतर अनिवार्यत: आय कर रिटर्न भरना होगा। केंद्रीय वित्त और कारपोरेट मामलों के मंत्री अरुण जेटली ने आज संसद में आम बजट 2017-18 प्रस्तुत करते हुए कहा कि राजनीतिक दलों द्वारा चंदा लेने में सुविधा के लिए बैंक चुनावी बांड जारी किये जायेंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि राजनीतिक दल एक व्यक्ति से अधिकतम दो हजार रुपए का नगद चंदा ले सकते हैं। राजनीतिक दलों की वित्त पोषण प्रणाली में पारदर्शिता लाने के कदमों के बारे में बताते हुए वित्त मंत्री ने प्रस्ताव किया कि राजनीतिक दलों को चंदा लेने में सुविधा के लिए बैंक चुनावी बांड जारी करेंगे। अरुण जेटली ने कहा कि राजनीतिक दल चेक या डिजिटल माध्यम से चंदा प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक राजनीतिक दलों को निर्धारित समय सीमा के भीतर आय कर रिटर्न भरना होगा। राजनीतिक पार्टियों की वित्त पोषण प्रणाली में सुधार लाने के महत्वपूर्ण कदम के बारे में जेटली ने कहा, ”राजनीतिक दलों को चंदा देने के लिए जल्द ही अधिकृत बैंकों से चुनावी बांड जारी किए जाएंगे। सरकार इस संबंध में एक योजना का ढांचा तैयार करेगी और चुनावी बांड जारी करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम में संशोधन करने का प्रस्ताव किया गया है।’’ उन्होंने कहा कि चंदा देने वाले केवल चैक और डिजिटल भुगतान कर मान्यता प्राप्त बैंकों से बांड खरीद सकते हैं। उन्होंने कहा कि निर्धारित समय सीमा के भीतर पंजीकृत राजनीतिक पार्टी के निर्धारित बैंक खाते में ये बांड परिशोध्य होंगे।

आधार आधारित भुगतान प्रणाली जल्द शुरू होगी
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिए जाने से भ्रष्टाचार व कालेधन का खात्मा होगा, प्रणाली स्वच्छ होगी। सरकार शीघ्र ही आधार आधारित भुगतान प्रणाली शुरू करेगी ताकि देश के दूरदराज के इलाकों में रह रहे लोगों में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा दिया जा सके। जेटली ने संसद में बजट भाषण में कहा, ‘मर्चेंट सक्षम आधार भुगतान प्रणाली शीघ्र ही शुरू की जाएगी। यह विशेषकर उन लोगों के लिए फायदेमंद होगी जिनके पास डेबिट कार्ड, मोबाइल वालेट व मोबाइल फोन नहीं हैं।’ उन्होंने कहा कि डिजिटल अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करना सरकार की रणनीति का अभिन्न हिस्सा है। उन्होंने कहा कि इस तरह की पहलों से देश में निजी निवेश को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। भारत डिजिटल क्रांति की कगार पर है। डिजिटल प्लेटफार्म की ओर जाना आम जनता के लिए बड़ा फायदेमंद होगा। वित्तमंत्री ने कहा कि भीम एप से डिजिटल भुगतान व वित्तीय समावेशन के लिए मोबाइल फोन अधिक सशक्तिकरण होगा। उन्होंने कहा, ‘अब तक 125 लाख लोगों ने भीम एप डाउनलोड किया है। सरकार भीम का इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए दो नयी योजनाएं लाएगी। इनमें आम उपयोक्ताओं के लिए एक रेफरल बोनस योजना तथा व्यापारियों के लिए कैशलेस योजना है।’

नौकरियां, कौशल प्रशिक्षण 10 प्रमुख क्षेत्रों में शामिल
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने युवाओं को रोजगार लायक बनाने और उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 4,000 करोड़ रुपये का ‘संकल्प’ कार्यक्रम पेश किया जिसके तहत देशभर में 3.5 करोड़ युवाओं को प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाएगा। संसद में वर्ष 2017-18 के लिए आम बजट पेश करते हुए जेटली ने शिक्षा, कौशल और रोजगार के जरिये युवाओं में ऊर्जा भरने को सरकार के उन 10 महत्वपूर्ण क्षेत्रों में से एक बताया जिस पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रधानमंत्री कौशल केन्द्रों की संख्या मौजूदा 60 जिले से बढ़ाकर देशभर में 600 से अधिक जिलों तक पहुंचाने का प्रस्ताव किया है। इसके अलावा देशभर में 100 भारत अंतरराष्ट्रीय कौशल केन्द्र स्थापित किए जाएंगे जहां उन्नत प्रशिक्षण और विदेशी भाषाओं में पाठ्यक्रमों की भी पेशकश की जाएगी। जेटली ने कहा कि इससे ‘‘हमारे उन युवाओं को मदद मिलेगी जो देश के बाहर नौकरी के अवसर चाहते हैं।’’ उन्होंने कहा कि इसके अलावा, वर्ष 2017-18 में 2,200 करोड़ रुपये की लागत से स्ट्राइव योजना का अगला चरण शुरू किया जाएगा जिसमें आईटीआई में व्यवसायिक प्रशिक्षण की गुणवत्ता सुधारी जाएगी और उद्योग संकुल दृष्टिकोण से प्रशिक्षु कार्यक्रम को मजबूत किया जाएगा।

रेलवे को मिलेगा एक लाख करोड़ का विशेष सुरक्षा कोष
रेल क्षेत्र में हाल के समय में कई हादसे हुए हैं। इसी के मद्देनजर सरकार ने बजट 2017-18 में रेलवे के लिए एक लाख करोड़ रुपये के विशेष सुरक्षा कोष की स्थापना का प्रस्ताव किया है। इसके तहत ट्रैक और सिग्नल प्रणाली का उन्नयन किया जाएगा और मानवरहित क्रॉसिंग को समाप्त किया जाएगा। इस बार रेल बजट को आम बजट में मिला दिया गया है। इसमें 3,500 किलोमीटर की नई लाइनें चालू करने का भी प्रस्ताव है। 2016-17 के लिए यह लक्ष्य 2,800 किलोमीटर का है। रेलवे को नए वित्त वर्ष में बजट से सकल 55,000 करोड़ रुपये की सहायता मिलेगी। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अगले वित्त वर्ष के लिए रेलवे का योजना आकार 1,31,000 करोड़ रुपये रखने का प्रस्ताव किया है। चालू वित्त वर्ष के लिए यह 1,21,000 करोड़ रुपये है। जेटली ने एक लाख करोड़ रुपये के कोष से ‘राष्ट्रीय रेल संरक्षा कोष’ की स्थापना का प्रस्ताव किया है। बजट में रेलवे की सुरक्षा पर जोर दिया गया है। इसके तहत 2020 तक ब्रॉड गेज नेटवर्क पर सभी मानवरहित क्रॉसिंग को समाप्त करने का प्रस्ताव है। वित्त मंत्री ने 500 रेलवे स्टेशनों पर दिव्यांगों के लिए सुविधाओं की भी घोषणा की।बजट में सभी रेल कोचों में बायो टायलेट का भी प्रस्ताव किया गया है। साथ ही यात्रियों के लिए ‘क्लीन माई एप’ की भी घोषणा की गई है। वित्त मंत्री ने आईआरसीटीसी से बुक कराए जाने वाली ई टिकट पर सेवा शुल्क समाप्त करने की भी घोषणा की है। रेलवे सार्वजनिक उपक्रमों आईआरसीटीसी, आईआरएफसी तथा कॉन्कॉर को विभिन्न शेयर बाजारों पर सूचीबद्ध करने की भी घोषणा की गई है।

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