पश्चिम बंगाल का नाम बदलने का प्रस्ताव पारित

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कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा ने राज्य का नाम बदलकर बंगाली में बांग्ला, अंग्रेजी में बेंगाल और हिंदी में बंगाल करने का प्रस्ताव सोमवार को पारित कर दिया। कांग्रेस, भाजपा और वामदलों समेत विपक्ष ने इस कदम का विरोध किया।

संसदीय कार्यमंत्री पार्थ चटर्जी ने नियमावली 169 के तहत यह प्रस्ताव पेश किया। प्रस्ताव में कहा गया है कि राज्य का नाम बंगाली में बांग्ला, अंग्रेजी में बेंगाल तथा हिंदी में बंगाल होगा। इस प्रस्ताव के पक्ष में 189 मत पड़े जबकि विरोध में सिर्फ 21 वोट पड़े। ममता बनर्जी ने कहा कि इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार की अनुमति के लिए भेजा जाएगा। संसद से प्रस्ताव पर मुहर लगने के बाद ही नाम बदला जाएगा।

इस प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, बांग्ला नाम की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि है। मुझे बौंगो नाम पर कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन ज्यादातर लोग बांग्ला नाम चाहते हैं। अंग्रेजी में यह बेंगाल होगा ताकि पड़ोसी देश बांग्लादेश के साथ कोई भ्रम न हो। उन्होंने कहा, वर्ष 2011 में हमने राज्य का नाम बदलने का प्रस्ताव रखा था लेकिन उसे केंद्र ने रोक लिया।

उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों ने नाम परिवर्तन का विरोध करके ऐतिहासिक भूल की है। गौरतलब है कि कांग्रेस सदस्य इस प्रस्ताव के पारित होने से पहले विरोध स्वरूप सदन से बाहर चले गए। ममता ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष की उनकी हाल की इस टिप्पणी के लिए आलोचना की कि वह इसे पारित नहीं होने देंगे।

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