बजट भाषण : जेटली ने सुधार के प्रयासों का जिक्र किया

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज लोकसभा में वित्त वर्ष 2017-2018 का बजट भाषण शुरू किया। इस बार के बजट की खास बात यह है कि इसमें रेल बजट का भी समावेश है। वित्त मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार का प्रयास रहा है कि सभी वर्गों को फायदा मिले। उन्होंने सरकार का समर्थन करने के लिए सभी का शुक्रिया कहा।

उन्होंने कहा कि इस सरकार ने कालेधन के खिलाफ मुहिम छेड़ी। जेटली ने कहा कि मैं यह बजट वैश्विक अर्थव्यवस्था को मिल रही बड़ी चुनौतियों के बीच पेश कर रहा हूँ। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि की दर संतोषजनक है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने सुस्त अर्थव्यवस्था में रफ्तार लाने का प्रयास किया जिससे विश्व के चुनौतीपूर्ण आर्थिक परिदृश्य में भारत चमकता सितारा बन गया है।

जेटली ने कहा कि सरकार आर्थिक वृद्धि का लाभ किसानों और कमजोर वर्गों तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। जेटली ने कहा कि हम विवेकाधीन प्रशासन से नीति आधारित प्रशासन की ओर मुड़ चुके हैं। उन्होंने कहा कि दोहरे अंक की मुद्रास्फीति नियंत्रण में है और सुस्त वृद्धि तेज वृद्धि में बदल गयी है तथा हमने कालेधन के खिलाफ लड़ाई छेड़ी।

उन्होंने कहा कि किसानों को 10 लाख करोड़ रुपए कर्ज देने का लक्ष्य रखा गया है। सिंचाई फंड के लिए 5 हजार करोड़ रुपए दिये जाएंगे और डेयरी विकास के लिए आठ हजार करोड़ रुपए दिये जाएंगे। 2017-18 में कृषि विकास दर 4.1 रहने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि सरकार नार्थ इस्ट और जम्मू कश्मीर के किसानों को कर्ज देने में प्रमुखता दी जाएगी।

जेटली ने कहा कि 2019 तक 1 करोड़ बेघरों को घर दिये जाएंगे और 1 करोड़ परिवारों को गरीबी रेखा से उबारा जायेगा। वित्त मंत्री ने कहा कि मनरेगा में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई जाएगी। उन्होंने मनेरगा के लिए 47 हजार करोड़ रुपए आवंटित करने का ऐलान किया।

प्रधानमंत्री आवास योजना में 23 हजार करोड़ का आवंटन किया गया है। 2022 तक पांच लाख लोगों को राजगीरी का प्रशिक्षण दिया जायेगा। ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के जीवन में सुधार लाएगी सरकार। गांवों में पाइपलाइन से पानी पहुंचाने का प्रस्ताव है। 10 लाख तालाबों का लक्ष्य पूरा किया जायेगा।

वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा आज पेश वित्त वर्ष 2017-18 के आम बजट की मुख्य बातें इस प्रकार हैं-

-2.5 लाख से 5 लाख रुपये की सालाना आय पर कर की दर 10 से घटाकर 5 प्रतिशत की गई। कर स्लैब में बदलाव नहीं किया गया है।

-50 लाख रुपये से एक करोड़ रुपये सालाना कमाने वाले लोगों को देना होगा 10 प्रतिशत का अधिभार।

-एक करोड़ रुपये से अधिक की वार्षिक आय पर 15 प्रतिशत का अधिभार जारी रहेगा।

-तीन लाख रुपये से अधिक के नकद लेनदेन पर प्रतिबंध 1 अप्रैल से लागू होगा।

-50 करोड़ रुपये तक के कारोबार वाली लघु एवं मझोले उपक्रमों पर कॉरपोरेट कर की दर घटाकर 25 प्रतिशत की गई इससे 96 प्रतिशत कंपनियों को लाभ होगा।

-एलएनजी पर सीमा शुल्क घटाकर आधा यानी ढाई प्रतिशत किया गया।

-अगले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 3.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है। 2018-19 में इसे 3 प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य है।

-राजनीतिक दल 2,000 रुपये से अधिक का नकद चंदा नहीं ले पाएंगे। वे चेक, इलेक्ट्रानिक तरीके से चंदा ले सकेंगे। रिजर्व बैंक इलेक्टोरल बांड जारी करेगा।

-वरिष्ठ नागरिकों के लिए आधार आधारित स्वास्थ्य कार्ड मिलेंगे। उनके लिए आठ प्रतिशत गारंटी वाले रिटर्न की योजना।

-विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड को समाप्त किया जाएगा। एफडीआई नीति और उदार होगी।

-सीपीएसई की सूचीबद्धता के लिए समयबद्ध प्रक्रिया होगी।

-रेलवे के पीएसयू आईआरसीटीसी, आईआरएफसी तथा इरकॉन सूचीबद्ध होंगी।

-डिजिटल भुगतान के नियमन के लिए रिजर्व बैंक में भुगतान नियामक बोर्ड बनेगा। नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स कानून में संशोधन होगा।

-नोटबंदी साहसी, निर्णायक कदम। इससे जीडीपी वृद्धि को प्रोत्साहन मिलेगा। कर संग्रहण बढ़ेगा।

-आईआरसीटीसी के जरिये बुक रेलवे के ई टिकट पर सेवा कर नहीं लगेगा।

-पांच साल के लिए एक लाख करोड़ रुपये का रेल सुरक्षा कोष। मानवरहित क्रॉसिंग को 2020 तक समाप्त किया जाएगा।

– वित्त मंत्री ने कहा कि बजट तीन एजेंडा- बदलाव, ऊर्जावान, स्वच्छ भारत पर आधारित है।

-अचल संपत्ति पर दीर्घावधिक पूंजीगत लाभ कर के लिए समय सीमा तीन साल से घटाकर दो साल की गयी। कीमत की तुलना के लिए आधार वर्ष 1 अप्रैल, 1981 से बदलकर एक अप्रैल, 2001 किया गया।

-विनिवेश लक्ष्य से वर्ष 2017-18 में 72,500 करोड़ रुपये की प्राप्ति का लक्ष्य। चालू वित्त वर्ष में यह 56,500 करोड़ रुपये।

-बाजार से सकल 6.05 लाख करोड़ रुपये का कर्ज उठाने का अनुमान

– डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहन के लिए पीओएस मशीनों तथा बायोमेट्रिक पहचान के लिए काम आने वाली आयरिस रीडर्स पर शुल्क समाप्त।

– स्टार्ट अप्स के लिए कर लाभ की सुविधा सात में से तीन साल के लिए होगी।

-प्रत्यक्ष कर संग्रहण वृद्धि 15.8 प्रतिशत, अप्रत्यक्ष कर 8.3 प्रतिशत।

-वर्ष 2017-18 में सरकार का कुल व्यय 21.47 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान। पूंजीगत खर्च बढ़कर 24 प्रतिशत।

-राज्यों को आवंटन बढ़कर 4.11 लाख करोड़ रुपये।

-एफआरबीएम समिति ने 2020 तक 60 प्रतिशत ऋण-जीडीपी अनुपात का सुझाव दिया।

-खुदरा मुद्रास्फीति 2 से 6 प्रतिशत के दायरे में रहेगी।

-झारखंड और गुजरात में दो नए एम्स का प्रस्ताव।

-मनरेगा के लिए अभी तक का सबसे अधिक 48,000 करोड़ रुपये का आवंटन।

-कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 4.1 प्रतिशत रहेगी। पांच साल में कृषि आय दोगुना होगी।

-अगले वित्त वर्ष के लिए कृषि ऋण का लक्ष्य 10 लाख करोड़ रुपये।

-फसल बीमा योजना फसल क्षेत्र का 40 प्रतिशत की गई।

-बुनियादी ढांचा निवेश 3.96 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान।

-सस्ते मकान क्षेत्र को बुनियादी ढांचा क्षेत्र का दर्जा।

-2,000 करोड़ रुपये के कोष से डेयरी प्रसंस्करण कोष बनेगा।

-महिला एवं बाल पहलों के लिए 1.84 लाख करोड़ रुपये का आवंटन।

-ग्रामीण, कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए 1.87 लाख करोड़ रुपये।

-बेघरों के लिए 2019 तक बनेंगे एक करोड़ मकान।

-प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवंटन 15,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 23,000 करोड़ रुपये।

-मई, 2018 तक शतप्रतिशत गांवों के विद्युतीकरण का लक्ष्य।

-अनुसूचित जनजाति के लिए 31,920 करोड़ रुपये, अल्पसंख्यक मामलों के लिए 4,195 करोड़ रुपये का आवंटन।

-सड़क क्षेत्र के लिए आवंटन बढ़ाकर 64,000 करोड़ रुपये किया गया।

-रेल, सड़क, जहाजरानी के लिए 2.41 लाख करोड़ रुपये का आवंटन।

-नई मेट्रो रेल नीति की घोषणा।

-वित्त वर्ष 2016-17 की पहली छमाही में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 35 प्रतिशत बढ़कर 1.45 लाख करोड़ रुपये पर।

-तंबाकू गुटखा वाले पान मसाला पर उत्पाद शुल्क 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत किया गया।

-एलईडी बल्ब विनिर्माण में उपयोग होने वाले कलपुर्जों पर पांच प्रतिशत की दर से मूल सीमा शुल्क और 6 प्रतिशत प्रतिपूर्ति शुल्क लगेगा।

-मोबाइल फोन विनिर्माण में काम आने वाले प्रिंटेड सर्किट बोर्ड पर सीमा शुल्क शून्य से बढ़ाकर दो प्रतिशत किया गया।

-एल्यूमीनियम महंगा, इसके अयस्क और कंसंट्रेट पर आयात शुल्क शून्य से बढ़ाकर 30 प्रतिशत किया गया।

-सौर ऊर्जा बैटरी और पैनल के विनिर्माण में काम आने वाले सोलर टैम्पर्ड ग्लास को सीमा शुल्क से छूट।

-पान मसाला पर उत्पाद शुल्क 6 प्रतिशत से बढ़ाकर 9 प्रतिशत, गैर-प्रसंस्कृत तंबाकू पर 4.2 से बढ़ाकर 8.3 प्रतिशत किया गया।

-सिगार पर उत्पाद शुल्क बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत अथवा प्रति हजार 4006 रुपये जो भी अधिक होगा, किया गया। पहले यह दर 12.5 प्रतिशत और 3,755 रुपये प्रति हजार थी।

-मैट क्रेडिट का लाभ उठाने के लिये मौजूदा 10 वर्ष के बजाय 15 वर्ष तक का समय देने का प्रस्ताव।

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