बेमबेम का सवाल, अधिकतर पुरूष फुटबालरों को ही क्यों मिलता है अर्जुन?

भारत की तरफ से सबसे अधिक मैच खेलने वाली महिला फुटबालर ओइनाम बेमबेम देवी को तीन बार अर्जुन पुरस्कार के लिए नजरअंदाज किए जाने के बाद लगता है कि जब पुरस्कारों की बात आती है तो पुरूष फुटबालरों को फीफा रैंकिंग में काफी पीछे होने के बावजूद ज्यादा तवज्जो दी जाती है। पिछले साल अंतरराष्ट्रीय फुटबाल से संन्यास लेने वाली पूर्व भारतीय कप्तान बेमबेम ने देश की तरफ से दो दशक तक 85 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले। उन्होंने 2014 से 2016 तक तीन बार अर्जुन पुरस्कार के लिए आवेदन किया लेकिन हर बार उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया। बेमबेम ने 1995 में 15 साल की उम्र में अंतर्राष्ट्रीय फुटबाल में पदार्पण किया और पिछले साल शिलंाग में दक्षिण एशियाई खेलों में टीम को स्वर्ण पदक दिलाने के बाद संन्यास लिया। उन्होंने कहा कि सरकार से सम्मान मिलने की बात आती है तो महिला फुटबालरों को पुरूषों के बराबर तवज्जो नहीं दी जाती है। उन्होंने कहा कि मैंने 2014 से तीन बार अर्जुन पुरस्कार के लिए आवेदन किया लेकिन हर बार मुझे नजरअंदाज किया गया। अभी तक केवल पुरूष फुटबालरों को ही अर्जुन पुरस्कार दिया जाता है। महिला फुटबालरों को अर्जुन पुरस्कार के लायक नहीं समझा जाता है। मैं नहीं जानती कि ऐसा क्यों है। मेरा मानना है कि महिला फुटबालरों को भी पुरूष फुटबालरों के बराबर दर्जा दिया जाना चाहिए। पिछले साल सुब्रत पाल को अर्जुन पुरस्कार दिया गया। उन्होंने 2007 से पुरूष टीम के गोलकीपर के रूप में 64 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेले हैं। रिकार्ड के लिए बता दें कि अभी तक जिन 24 फुटबालरों को अर्जुन पुरस्कार मिला है उनमें से 23 पुरूष फुटबालर हैं। अर्जुन पुरस्कार हासिल करने वाली एकमात्र महिला फुटबालर पूर्व भारतीय कप्तान शांति मलिक है जिन्हें 1983 में यह पुरस्कार मिला था। पिछले दो दशकों में 7 भारतीय फुटबालरों को अर्जुन पुरस्कार मिला और ए सभी पुरूष खिलाड़ी हैं। इनमें आईएम विजयन, बाईचुंग भूटिया और सुनील छेत्री जैसे खिलाड़ी हैं। बेमबेम के रहते हुए भारतीय महिला टीम ने दो बार सैफ चैंपियनशिप, दो बार दक्षिण एशियाई खेल में खिताब जीते हैं। वह एशियाई खेल, ओलंपिक व एएफसी एशियाई कप क्वालीफायर्स जैसी अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारतीय टीम का हिस्सा रही है। उन्होंने 2003 से छह मैचों में टीम की कप्तानी भी की। वह 2014 में मालदीव महिला लीग में भी खेल चुकी हैं। बेमबेम ने कहा कि हम महिला फुटबालर ने सैफ चैंपियनशिप, दक्षिण एशियाई खेलों में जीत दर्ज की। हम एशियाई खेलों तथा विश्व कप, ओलंपिक और एएफसी एशियाई कप के क्वालीफाईंग टूर्नामेंट में खेले और हमारी रैकिंग पुरूष टीम से बेहतर है लेकिन अर्जुन पुरस्कार केवल पुरूष फुटबालरों को ही क्यों दिया जाता है महिला फुटबालरों को क्यों नहीं? भारतीय पुरूष टीम वर्तमान फीफा रैंकिंग में 129वें जबकि महिला टीम 54वें स्थान पर है।

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