कड़ी मेहनत से कांग्रेस को आगे बढ़ा रहे राहुल

राहुल गांधी देश और राज्यों में सबसे लम्बे अरसे तक हुकूमत करने वाली कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। वे एक ऐसे ख़ानदान के वारिस हैं, जिसने देश के लिए अपनी जानें क़ुर्बान की हैं। राहुल गांधी के लाखों-करोड़ों चाहने वाले हैं। देश-दुनिया में उनके प्रशंसकों…
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मोदी ने काम तो काफी किया पर अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है

नरेन्द्र मोदी सरकार के कार्यकाल के चार वर्ष पूरे होने पर इसका गहन आकलन होना स्वाभाविक है कि उम्मीदें कहां तक पूरी हुईं और अच्छे दिन के वादे का क्या हुआ? मोदी सरकार जिस प्रबल बहुमत के साथ सत्ता में आई थी उसके चलते उससे उम्मीदें भी बहुत बढ़ गई…
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नक्सलवाद को हराने में आखिरकार सफल होती दिख रही है मोदी सरकार

24 अप्रैल 2017 को जब "नक्सली हमले में देश के 25 जवानों की शहादत को व्यर्थ नहीं जाने देंगे" यह वाक्य देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था, तो देशवासियों के जहन में सेना द्वारा 2016 में की गई सर्जिकल स्ट्राइक की यादें ताजा हो गई थीं।…
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अम्बेडकर के सपनों को इस तरह पूरा कर रहे हैं प्रधानमंत्री मोदी

यह मानना होगा कि देश में ऐसे कई कार्य थे, जिन्हें कई दशक पहले हो जाना चाहिए था। लेकिन उन्हें नरेंद्र मोदी की सरकार ने पूरा किया। नई दिल्ली में डॉ. आंबेडकर राष्ट्रीय स्मारक का निर्माण भी ऐसे ही कार्यों में शामिल था। इसकी कल्पना को दो दशक से…
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राहुल गांधी की जिम्मेदारी बढ़ रही है, उन्हें और गंभीर होना पड़ेगा

राहुल गांधी दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश की सबसे पुरानी पार्टी के सबसे बड़े पद पर हैं। एक राजनीतिक दल के अध्यक्ष के तौर पर किए जाने वाले आचरण को उन्हें समझ लेना चाहिए। उनके नेतृत्व में, गुजरात चुनाव के बाद पार्टी अपने पराभव को पार…
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भारतीय समाज के सभी पक्षों की चिंता करते थे पं. दीनदयाल उपाध्याय

राजनीति में विचारों के लिए सिकुड़ती जगह के बीच पं. दीनदयाल उपाध्याय का नाम एक ज्योतिपुंज की तरह सामने आता है। अब जबकि उनकी विचारों की सरकार पूर्ण बहुमत से दिल्ली की सत्ता में स्थान पा चुकी है, तब यह जानना जरूरी हो जाता है कि आखिर दीनदयाल…
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विधेयकों के लटकने से राज्यसभा की प्रासंगिकता पर उठे सवाल

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा उम्मीदवारों को लेकर विवाद होना और सवाल उठना स्वाभाविक है। इस मसले ने एक बार फिर राज्यसभा की उपयोगिता एवं प्रासंगिकता पर भी सवाल खड़े कर दिये हैं। भारत में लोकतांत्रिक प्रणाली के तहत जिस तरह की शर्मनाक घटनाएं घट रही…
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आजीवन क्यों कुंवारे रहे अटल बिहारी वाजपेयी ?

भारत के राजनीतिक इतिहास में अटल बिहारी वाजपेयी का संपूर्ण व्यक्तित्व शिखर पुरुष के रूप में दर्ज है। उनकी पहचान एक कुशल राजनीतिज्ञ, प्रशासक, भाषाविद, कवि, पत्रकार व लेखक के रूप में है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की विचारधारा में पले-बढ़े अटल…
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सोनिया गाँधी का युग समाप्त, कांग्रेस में अब राहुल का ‘राज’

आज से कांग्रेस पार्टी में सोनिया युग की औपचारिक समाप्ति हो गयी। अब राहुल राज शुरू हो गया। इसी के साथ राहुल की चिंताओं से भी पार्टी और देश दोनों रूबरू हुए। अपने अब तक के राजनीतिक अनुभव और दृष्टि को राहुल ने सलीके से सभी के सामने तो रखा ही…
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मोदी-जेटली ने कर दिखाया तो मनमोहन-चिदंबरम को हजम नहीं हुआ

वैश्विक एजेंसियों की रैंकिंग या रेटिंग का कई सन्दर्भों में महत्व होता है। रिपोर्ट नकारात्मक हुई तो सुधार का मनोवैज्ञानिक दबाव बनता है। सकारात्मक होने पर निवेश का माहौल बनता है। संबंधित देश की कम्पनियों को ऋण मिलना आसान हो जाता है। विदेशी…
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फारुक जैसे नेताओं की पाकिस्तान परस्ती माहौल खराब करती है

जम्मू कश्मीर के बारे में अभी तक वास्तविकता से अनभिज्ञ रहे देशवासी अब यह जानने लगे हैं कि कश्मीर की समस्या के मूल कारण क्या थे। अब यह भी कहा जाने लगा है कि राजनीतिक स्वार्थ के चलते ही जम्मू कश्मीर में समस्याएं प्रभावी होती गर्इं। भारत की…
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महबूबा मुफ्ती के ‘निर्देश’ से जम्मू-कश्मीर के पुलिसबल में नाराजगी

आतंकियों के परिवारों को कथित रूप से तंग करने और उनके घरों को तबाह करने की पुलिस की कार्रवाई का विरोध अब मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती भी करने लगी हैं। उनके इस ‘आतंकी’ प्रेम पर पुलिसबल में नाराजगी भी है। दरअसल पिछले कुछ अरसे से आतंकियों तथा…
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नेताओं को सम्मान देना सही, पर भगवान का दर्जा देना गलत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर मंदिर बनाने की घोषणा क्रांति की जमीन मेरठ में एक सेवानिवृत्त अधिकारी ने की है। सिंचाई विभाग से रिटायर इंजीनियर जेपी सिंह की मानें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जादू लोगों के सिर पर चढ़कर बोल रहा है। ऐसे…
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यशवंत सिन्हा की बात में है दम, गंभीर मंथन करे मोदी सरकार

सत्यान्वेषी, सत्यनिष्ठ एवं सत्यवादी लोग सत्य को ईश्वर के समान पवित्र समझते हैं। यदि उनसे कोई त्रुटि हो जाए तो वे विनम्रता पूर्वक स्वीकार करते हैं। अपनी गलती को सही ठहराने की जिद करने वाले लोग जड़, मूर्ख एवं अहंकारी होते हैं। भाजपा के…
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मोदी के लिए कामकाज ही सब कुछ, निजी वफादारी को महत्व नहीं देते

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मंत्रिमण्डल में तीन साल में तीसरा विस्तार आवश्यकता का पुख्ता आधार तो दर्शाता ही है यह भी बताता है कि मोदी सिर्फ अपनी अथवा औरों मसलन पार्टी अध्यक्ष/संघ प्रमुख की वफादारी की योग्यता मानकर शांत बैठने वाले नहीं है।…
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