औरंगजेब भी नहीं कर पाया था माता के इस मंदिर को खंडित

हमारे देश में दुर्गा मां को शक्ति की देवी के रूप में पूजा जाता है। दुर्गा मां के कई रूप और अवतार हैं। पूरे भारत में नवरात्रा के अवसर पर माता के मंदिरों में श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ पड़ती है। आस्था से भरे इस देश में माता का स्थान सबसे…
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विजयादशमी पर किये जाने वाले हर काम में निश्चित होती है विजय

आश्विन मास के शुक्ल पक्ष को दशहरा का त्योहार मनाया जाता है। मां भगवती के विजया स्वरूप पर इसे विजयादशमी भी कहा है। इसी दिन भगवान श्रीराम ने रावण का वध कर लंका पर विजय प्राप्त की थी इसलिए भी इस पर्व को विजयादशमी कहा जाता है। हिन्दुओं का यह…
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माँ दुर्गा के नौ रूपों के पूजन का पर्व है नवरात्रि

आश्विन मास में शुक्लपक्ष की प्रतिपदा से प्रारंभ होकर नौ दिन तक चलने वाला नवरात्रि शारदीय नवरात्रि कही जाती है। शारदीय नवरात्रि में दिन छोटे होने लगते हैं और रात्रि बड़ी। कहा जाता है कि ऋतुओं के परिवर्तन काल का असर मानव जीवन पर नहीं पड़े…
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करोली में स्थित मदन मोहन मंदिर का है ऐतिहासिक महत्व

वैष्णव मत के मंदिरों की श्रृंखला में भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित मदन मोहन जी का मंदिर राजस्थान की राजधानी जयपुर से 182 किलो मीटर दक्षिण पूर्व में करोली जिला मुख्यालय पर स्थित है। राजस्थान में कृष्ण के अनेक मंदिरों में मदन मोहन मंदिर भी अपना…
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विघ्नहर्ता भगवान गणेशजी का व्यक्तित्व बहुत कुछ कहता है

भाद्रपद शुक्ल की चतुर्थी को सिद्धि विनायक भगवान गणेश का जन्म हुआ। गणेश के रूप में विष्णु शिव-पार्वती के पुत्र के रूप में जन्मे थे। उनके जन्म पर सभी देव उन्हें आशीर्वाद देने आए थे। विष्णु ने उन्हें ज्ञान का, ब्रह्मा ने यश और पूजन का, धर्मदेव…
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गोगामेड़ी मंदिर में हिंदू, मुस्लिम पुजारी एक साथ करवाते हैं पूजा

राष्ट्रीय एकता व सांप्रदायिक सद़्भावना के प्रतीक गोगाजी राजस्थान के लोक देवता हैं। गोगाजी को जहरवीर गोगा जी के नाम से भी जाना जाता है। इन्हें हिन्दु और मुस्लिम दोनो पूजते हैं। राजस्थान में हनुमानगढ़ जिले के गोगामेड़ी गांव में गोगाजी की…
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जानें भाई को राखी बाँधने का सही समय, इस तरह करें पूजा

इस वर्ष रक्षाबंधन पर्व पर चंद्र ग्रहण व भद्रा के चलते बहुत कम समय ही रक्षाबंधन के लिए श्रेष्ठ है। 7 अगस्त को पूर्वार्ध की भद्रा रहेगी। भद्रा दिन में त्याज्य मानी जाती है। रक्षाबंधन के दिन 10 बजकर 24 मिनट तक भद्रा रहेगी इसलिए 7 अगस्त की सुबह…
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संपूर्ण विश्व में भगवान शंकर की होती है सर्वाधिक पूजा

भगवान शिव को देवों के देव अर्थात् महादेव भी कहा जाता है। भगवान शिव को महादेव, भोलेनाथ, शंकर, महेश, रुद्र, नीलकंठ के नाम से भी जाना जाता है। वेद में इनका नाम रुद्र है। भगवान शिव की पत्नी का नाम पार्वती है। इनके पुत्र कार्तिकेय और गणेश हैं,…
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‘हर्ष पर्वत’ के साथ जुड़ी है भगवान शिव से संबंधित कथा

शेखावाटी के हृदय स्थल सीकर नगर से 16 किमी दूर दक्षिण में हर्ष पर्वत स्थित है जो अरावली पर्वत श्रृंखला का भाग है। यह पौराणिक, ऐतिहासिक, धार्मिक व पुरातत्व की दृष्टि से प्रसिद्ध, सुरम्य एवं रमणीक प्राकृतिक स्थल है। हर्ष पर्वत की ऊंचाई समुद्र…
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श्रावण मास की महत्ता और शिवजी को प्रसन्न करने के उपाय

श्रावण शिवजी का विशिष्ट प्रिय मास है। श्रद्धालु इस पूरे मास शिवजी के निमित्त व्रत और प्रतिदिन उनकी विशेष पूजा आराधना करते हैं। इस वर्ष के श्रावण मास में कुछ विशेष योग भी हैं। जैसे इस बार का श्रावण माह पांच सोमवार को है और यह माह सोमवार से…
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इस प्रकार सृष्टि की रचना की भगवान ब्रह्मा जी ने

ब्रह्मा जी ने आदि देव भगवान की खोज करने के लिए कमल की नाल के छिद्र में प्रवेश कर जल में अंत तक ढूंढा। परंतु भगवान उन्हें कहीं भी नहीं मिले। ब्रह्मा जी ने अपने अधिष्ठान भगवान को खोजने में सौ वर्ष व्यतीत कर दिये। अंत में ब्रह्मा जी ने समाधि…
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श्री जगन्नथ रथयात्रा का आध्यात्मिक ही नहीं सांस्कृतिक महत्व भी

आषाढ़ शुक्ल की द्वितीया को ओडिशा व गुजरात सहित देश के अनेकानेक हिस्सों में निकाली जाने वाली भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा का विशेष महत्व है। इस दिन ओडिशा की सड़कों पर तिल रखने की भी जगह नहीं होती। समूचा ओडिशा ही नहीं पूरा देश रथयात्रा को देखने…
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बालाजी धाम आकर देखिये कैसे दूर हो जाते हैं सारे कष्ट

हजारों लोगों की आस्था, श्रद्धा और विश्वास का धार्मिक स्थल सालासर बालाजी धाम भगवान हनुमानजी को समर्पित हैं। यह पवित्र धाम राजस्थान के राष्ट्रीय राजमार्ग 65 पर चुरू जिले में सुजानगढ़ के समीप सालासर नामक स्थान पर स्थित है। सालसर धाम सालासर…
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साढ़े साती चल रही है तो करें शनि की विशेष पूजा

आमतौर पर धारणा है कि शनि समस्या प्रदान करने वाले देवता हैं जबकि वास्तविकता यह है कि शनि न्यायप्रधान देवता हैं। शनि सभी के साथ न्याय करते हैं। भारतीय समाज में शनि को लेकर बहुत-सी भ्रातियां हैं। शनि की साढ़े साती को लेकर विशेष उत्सुकता व भय का…
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सत्य ही हमें स्वर्ग तक पहुंचाता है

महाभारत के उद्योग पर्व में लिखा है- सत्य स्वर्गस्य सोपान पारावा रस्नौरिव। -अर्थात् जिस प्रकार नाव का आश्रय व्यक्ति को समुद्र पार करा देता है, उसी प्रकार सत्य व्यक्ति को संसार-सागर से पार कर स्वर्ग तक पहुंचा देता है। यह एक सारपूर्ण सिद्धान्त…
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