भारत से परमाणु ऊर्जा में सहयोग पाने वाला श्रीलंका दक्षिण एशियाई देश

नई दिल्ली. भारत और श्रीलंका ने सोमवार को एक असैन्य परमाणु समझौते पर दस्तखत किए हैं। इसके तहत श्रीलंका को भारत परमाणु ऊर्जा के लिए मदद देगा। दोनों देश रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर भी सहमत हुए। तीन दिन की भारत यात्रा पर सिरिसेना मंगलवार को बोधगया और तिरुपति जाएंगे। इसके बाद वे स्वदेश वापस लौट जाएंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरिसेना के बीच हुई वार्ता के बाद इसकी घोषणा की गई। हैदराबाद हाउस में करीब दो घंटे चली शिखर वार्ता में दोनों नेताओं ने मछुआरों से जुड़े संवेदनशील मुद्दे का समाधान तलाशने पर प्रतिबद्धता जताई।
सिरिसेना के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में मोदी ने कहा, ‘असैन्य परमाणु सहयोग पर द्विपक्षीय समझौता हमारे आपसी विश्वास की एक अभिव्यक्ति है। इससे कृषि और स्वास्थ्य देखभाल जैसे क्षेत्रों सहित अन्य मामलों में भी सहयोग के नए रास्ते खुलते हैं।’ श्रीलंका दक्षिण एशिया का पहला देश है, जिसके साथ भारत ने परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग का फैसला किया है।
सिरिसेना ने श्रीलंका का राष्ट्रपति बनने के बाद पहली विदेश यात्रा के लिए भारत को चुना। वे तीन दिन की भारत यात्रा पर शनिवार को दिल्ली पहुंचे थे। कुछ समय पहले हुए राष्ट्रपति चुनाव में उन्होंने महिंदा राजपक्सा को मात दी थी।

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