प्रदीप जैन हत्याकांड में अबू सलेम दोषी

मुंबई। 1995 के प्रदीप जैन हत्याकांड में सोमवार को विशेष टाडा अदालत ने गैंगस्टर अबू सलेम और दो अन्य आरोपियों को दोषी करार दिया है। इन तीनों की सजा पर मंगलवार को बहस होने की उम्मीद है। 2005 में पुर्तगाल से प्रत्यर्पित कर भारत लाए जाने के बाद सलेम की संलिप्तता वाला यह पहला मामला है, जिसमें उसे दोषी करार दिया गया है। प्रत्यर्पण करार के कारण उसे फांसी की सजा नहीं दी जा सकती है।
तीनों को दोषी करार देते हुए टाडा कोर्ट के जज जीए सनप ने कहा, ‘सलेम ने दूसरे आरोपियों के साथ वसूली के लिए प्रदीप जैन, उनके भाई सुनील और बिल्डरों के बीच आतंक पैदा करने की साजिश रची थी।’ विशेष सरकारी वकील उज्ज्वल निकम ने बताया, ‘अबू सलेम को आइपीसी की धारा 302 (हत्या) और 120 बी (साजिश) और अन्य धाराओं के तहत दोषी ठहराया गया है।’ सलेम के साथ दोषी पाए गए दो अन्य बिल्डर वीरेंद्र झांब और मेहंदी हसन हैं। अदालत ने अपना फैसला सोमवार तक के लिए सुरक्षित रख लिया था।
पुलिस के अनुसार, सलेम के साथ प्रॉपर्टी विवाद के कारण सात मार्च, 1995 को हमलावरों ने बिल्डर प्रदीप जैन की उनके जुहू स्थित बंगले के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में सलेम, बिल्डर झांब और हसन के खिलाफ मुकदमा चल रहा था। आरोपी नईम खान गवाह बन गया था जबकि एक अन्य आरोपी रियाज सिद्दीकी भी सरकारी गवाह बना, लेकिन बाद में कोर्ट में पलट गया। 2008 में मामले की सुनवाई शुरू हुई थी। इस दौरान अभियोजन ने करीब 25 गवाहों को पेश किया, जबकि बचाव पक्ष केवल एक ही गवाह पेश कर पाया।

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