ब्रिटेन में आम चुनाव 2015 के लिए मतदान जारी

19लंदन। ब्रिटेन में आम चुनाव 2015 के लिए आज सुबह शुरू हुआ मतदान जारी है। देश भर में करीब 50,000 मतदान केंद्रों पर स्थानीय समय के मुताबिक सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ। मतदान रात दस बजे तक जारी रहेगा।
ब्रिटेन में 650 संसदीय चुनाव क्षेत्र हैं और इनमें से हर क्षेत्र से एक सांसद हाउस ऑफ़ कॉमन्स में अपने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता है। पंजीकृत मतदाताओं की संख्या लगभग 5 करोड़ है। इसके साथ ही इंग्लैंड के 279 स्थानीय प्राधिकरणों (लोकल अथॉरिटीज) में 9,000 से अधिक काउंसिल सीटों के लिए भी मतदान हो रहा है। यही नहीं, बेडफोर्ड, कोपलैंड, लेस्टर, मिडल्सबरा, मैन्सफ़ील्ड और टॉरबे में मेयर पद के लिए भी चुनाव हो रहे हैं।
खंडित जनादेश के आसार के बीच भारतीय मूल के मतदाता निर्णायक साबित हो सकते हैं। सर्वेक्षण कांटे की टक्कर में सत्ताधारी कंजरवेटिव पार्टी को मुख्य विपक्षी दल लेबर पार्टी पर मामूली बढ़त दिखा रहे हैं। हालांकि स्पष्ट बहुमत के लिए जरूरी 326 सीटों से दोनों ही दल काफी दूर दिखाई दे रहे हैं।
स्कॉटिश नेशनल पार्टी के तीसरे सबसे बड़े दल के तौर पर उभरने की उम्मीद है और माना जा रहा है कि लेबर पार्टी उसके सहयोग से सरकार बनाने में कामयाब हो सकती है। इससे पहले बुधवार को चुनाव प्रचार के अंतिम दिन सभी दलों ने मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी। नतीजे शुक्रवार को आएंगे और 18 मई को नई संसद का गठन होगा।
कैमरन का इंग्लैंड के सुनहरे भविष्य का वादा
प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने लोगों से इंग्लैंड के सुनहरे भविष्य का वायदा किया, जबकि विपक्षी लेबर पार्टी के नेता एड मिलीबैंड ने कहा कि उनकी पार्टी की सरकार बनी तो वह जनता के भलाई के कार्यों पर सबसे ज्यादा ध्यान देगी। वहीं लिबरल डेमोके्रटिक पार्टी के नेता निक क्लेग ने स्थायित्व पर जोर दिया है।
कांटे की टक्कर
चुनाव में दो मुख्य पार्टियों कंजर्वेटिव और लेबर पार्टी के बीच कांटे की टक्कर होने की संभावना है। विश्लेषकों ने बताया है कि चुनाव में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत मिलने के संकेत नहीं है। मतदाताओं का स्पष्ट रझान किसी भी एक पार्टी के पक्ष में नहीं दिखाई दे रहा है, जिसके कारण विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले इस देश में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिलने के संकेत नहीं है।
ज्यादा मजबूत नहीं रहेंगे कैमरन
राजनीतिक विश्लेषक जेम्स लेंडेल ने बताया कि राजनेता, चुनाव सर्वेक्षक और मीडिया चुनाव का विश्लेषषण करने में जुटे हुए हैं। विश्लेषकों का मानना है कि अगर यहां गठबंधन की सरकार बनती है और डेविड कैमरन उस सरकार के मुखिया बनते हैं तब भी पार्टी के नेता के तौर पर उनकी स्थिति ज्यादा मजबूत नहीं रहेगी। क्योंकि वे पहले ही कह चुके हैं कि वे तीसरी बार चुनाव नहीं ल़ड़ेंगे। ऐसे में 2020 के चुनाव के लिए पार्टी के नए नेता के लिए हा़ेड़ को टाला नहीं जा सकता।
मिलीबैंड जीते तो बोरिस को फायदा
अगर विपक्षी नेता मिलीबैंड की जीत होती है तो कैमरन कंजर्वेटिव पार्टी के नेता पद से हट जाएंगे और जो भी उनकी जगह लेगा वह विपक्ष का नेता बनेगा। उन्होंने कहा कि अगर कंजर्वेटिव पार्टी चुनाव जीतती है तो लंदन के मेयर बोरिस जॉनसन को फायदा हो सकता है।
उम्मीदवारों में 16 सांसद
चुनाव में लेबर पार्टी ने 52 अश्वेत व अल्पसंख्यक उम्मीदवार खड़े किए हैं। इनमें पिछली संसद के 16 सदस्य हैं। ब्रिटिश चुनाव के इतिहास में कजर्वेटिव पार्टी ने सबसे अधिक 45 अल्पसंख्यक प्रत्याशियों को उतारा है। इनमें 15 भारतीय किस्मत आजमा रहे हैं, जिनमें 14 लेबर पार्टी से और एक कंजर्वेटिव पार्टी के टिकट से चुनाव लड़ रहे हैं।
प्रतिद्वंद्वी को गोली मारने की धमकी
यूके इंडिपेंडेंट पार्टी ने अपने एक प्रत्याशी को प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार को गोली मारने की धमकी देने के बाद निलंबित कर दिया है। डेली मिरर के अनुसार पूर्वी हेम्पशायर से उम्मीदवार 55 वर्षीय रॉबर्ट ब्ले की टिप्पणी को घिनौना करार देते हुए पार्टी ने यह कार्रवाई की है। ब्ले ने इस सीट से कंजरवेटिव पार्टी के श्रीलंकाई मूल के उम्मीदवार रानिल जयवद्र्धना को शनिवार को एक चुनावी सभा के दौरान धमकी दी थी।

प्रवासियों के बीच कम हुई है लेबर की लोकप्रियता
-2010 में कंजरवेटिव पार्टी को 307 और लेबर को 258 सीटें मिली थीं।
-जिन सीटों पर प्रवासी मतदाताओं की भूमिका अहम मानी जा रही है, उनमें से 12 लेबर, छह कंजरवेटिव और दो सीटें लिबरल डेमोक्रेट के पास हैं।
-ब्रिटेन में भारतीय मूल के मतदाताओं की संख्या करीब 615,000 मानी जाती है। साल 1997 में लेबर पार्टी के समर्थन में भारतीय मूल के 77 फीसदी मतदाता थे जो 2014 में घटकर 18 फीसदी हो गया।
– कंजरवेटिव पार्टी को पिछले चुनाव में जातीय अल्पसंख्यकों का 16 फीसदी मत मिला था। पार्टी इस तबके को अबकी बार आकर्षित करने की पूरी कोशिश कर रही है। उसने भारतीय मूल के 17 लोगों को उम्मीदवार बनाया है।
-इन उम्मीदवारों में इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति के दामाद ऋषि सुनक शामिल हैं। अमनदीप सिंह भोगल उत्तरी आयरलैंड में चुनाव लड़ रहे हैं। वह यहां चुनाव लडऩे वाले पहले सिख हैं।
-लेबर और लिबरल डेमोक्रेट ने भारतीय मूल के 14-14 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं।
-लेबर पार्टी ने 52 अश्वेत और अल्पसंख्यक उम्मीदवार खड़े किए हैं। इनमें पिछली संसद के 16 सदस्य हैं।

द टेलीग्राफ का आकलन
पार्टी वोट
कंजरवेटिव 35 फीसद
लेबर 34 फीसद
स्कॉटिश पार्टी 13 फीसद
यूके इंडिपेंडेंस 12 फीसद
लिबरल डेमोक्रेट 08 फीसद
ग्रीन 06 फीसद

You might also like

Comments are closed.