गैमलीन पर जंग तेज, राष्ट्रपति से मुलाकात के इंतजार में केजरी

7नई दिल्ली। दिल्ली की कार्यवाहक मुख्य सचिव शकुंतला गैमलीन को लेकर ‘आप’ सरकार और उपराज्यपाल के बीच ‘जंग’ बढ़ गई है। उपराज्यपाल के रवैये से नाराज मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अब राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिलकर अपना पक्ष रखेंगे। राष्ट्रपति इस समय उत्तराखंड के दौरे पर हैं और वे वहां से मंगलवार को लौटेंगे। राष्ट्रपति के लौटने के बाद केजरीवाल से उनकी मुलाकात का वक्त तय होगा।
इस बीच, भाजपा के वरिष्ठ नेता संबित पात्रा ने कहा कि अगर उसके [कार्यवाहक मुख्य सचिव शकुंतला गैमलीन] खिलाफ अरविंद केजरीवाल के पास किसी भी तरह के सबूत हैं, तो क्यों नहीं एफआइआर दर्ज करवाई गई? क्यों नहीं उसे अदालत में खींचा जाता?
मंगलवार को होगा केजरी के अनुरोध पर विचार
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार राष्ट्रपति कार्यालय केजरीवाल के अनुरोध पर मंगलवार को विचार करेगा। राष्ट्रपति मंगलवार को उत्तराखंड से लौटेंगे। मुखर्जी आज शाम उत्तराखंड विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित करेंगे। आइएएस अधिकारी शकुंतला गैमलीन को दिल्ली की कार्यवाहक मुख्य सचिव बनाने पर उपराज्यपाल के फैसले पर सवाल खड़े करते हुए केजरीवाल ने शनिवार को राष्ट्रपति से मिलने का अनुरोध किया था।
केंद्र पर साधा निशाना
केजरीवाल ने रविवार को आरोप लगाया कि गैमलीन की नियुक्ति नरेंद्र मोदी सरकार ने की है और केंद्र दिल्ली सरकार को फेल करना चाहता है।
कार्यवाहक मुख्य सचिव पर लगाया आरोप
केजरीवाल ने रविवार को बुराड़ी में ऑटो चालकों की सभा को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार में बिजली विभाग की सचिव ने हमारे ऊर्जा मंत्री से बिजली कंपनियों को 11 हजार करोड़ रुपये का ऋण दिलाने के लिए हस्ताक्षर करवाने की कोशिश की थी। अब इसी सचिव को दिल्ली का कार्यवाहक मुख्य सचिव बना दिया गया है। केजरीवाल का इशारा आइएएस अधिकारी शकुंतला गैमलीन की ओर था।
कांग्रेस-सीपीएम का मिला साथ
गैमलीन विवाद में केजरीवाल को अप्रत्याशित रूप से कांग्रेस और सीपीएम का साथ मिलता दिखा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस प्रमुख अजय माकन ने कहा कि कार्यवाहक मुख्य सचिव की नियुक्ति मुख्यमंत्री की इच्छा के अनुरूप की जानी चाहिए थी। माकन ने उप राज्यपाल और दिल्ली सरकार के बीच टकराव का जिक्र करते हुए कहा कि इस तरह के टकराव से नौकरशाहों का उत्साह बुरी तरह प्रभावित होता है जो एक गहरी चिंता का विषय है।
उधर, सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि इस मामले में केंद्र को राज्यों के अधिकारों में अतिक्रमण नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर केंद्र उपराज्यपाल के जरिए राज्य सरकार के अधिकारों में अतिक्रमण करेगा और अगर वह राज्य के अधिकारों पर हमला बोलेगा तो यह गलत है। हम इसका विरोध करते हैं।
पूर्वोत्तर के लोगों के अपमान का आरोप
केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने आम आदमी पार्टी पर पूर्वोत्तर के लोगों का अपमान करने का आरोप लगाते हुए कहा कि गैमलीन की नियुक्ति नियमों के अनुसार उपराज्यपाल ने की है और दिल्ली सरकार बिना सबूत के उनके खिलाफ आरोप लगा रही है। उन्होंने कहा कि यह कुछ नहीं, बल्कि पूर्वोत्तर की एक महिला आइएएस अधिकारी का चरित्र हनन है।
मुख्यमंत्री ने उपराज्यपाल को लिखा खत
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल नजीब जंग को संविधान के दायरे में रहकर काम करने की नसीहत दी है। केजरीवाल ने नजीब जंग को लिखे पत्र में कर्तव्य बोध की याद दिलाई है। उन्होंने लिखा है कि आप पर जैसा भी राजनीतिक दबाव हो, मेरा आपसे निवेदन है कि आप अपना कर्तव्य निभाएं। पत्र में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली के लिए संविधान में बनाए गए नियमों का हवाला भी दिया गया है।
उपराज्यपाल ने भेजा जवाब
उपराज्यपाल कार्यालय की ओर से भेजे गए जवाब में कहा गया है कि उपराज्यपाल अपने सभी कार्य संविधान में रहकर कर रहे हैं और अभी तक उपराज्यपाल कार्यालय की ओर से संविधान के खिलाफ कोई भी काम नहीं किया गया है।
गैमलीन ने संभाला कार्यभार
तमाम विवादों के बीच गैमलीन ने शनिवार को दिल्ली सरकार के कार्यवाहक मुख्य सचिव का कार्यभार संभाल लिया।

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