हम नहीं रोक सकते सट्टेबाजी: बीसीसीआई

IPL_PTIदिल्ली,19 मई 2013 – भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष एन श्रीनिवासन ने कहा है सट्टेबाजी पर रोक लगा पाना बीसीसीआई के वश की बात नहीं है, क्योंकि उसके पास पुलिस जैसी शक्तियां नहीं है.उन्होंने कहा कि बीसीसीआई क्लिक करें सट्टेबाजी या सट्टेबाजों पर नियंत्रण नहीं लगा सकती. इस मामले में उसके हाथ बंधे हुए हैं. इसके बाद भी आईसीसी की भ्रष्टाचार विरोधी इकाई सीमित दायर में ही इस मामले की जांच करेगी. उन्होंने कहा कि ‘क्रिकेट में क्लिक करें सट्टेबाजी या स्पॉट फ़िक्सिंग रोकने के लिए हम खिलाड़ियों को केवल शिक्षित कर सकते हैं और वह हम कर रहे हैं.’

क्लिक करें आईपीएल के छठवे संस्करण में स्पॉट फिक्सिंग के आरोप में क्लिक करें राजस्थान रॉयल्स के तीन खिलाड़ियों एस श्रीसंत, अंकित चव्हाण और अजीत चंडीला की गिरफ़्तारी के बाद बीसीसीआई कार्यसमिति की चेन्नई में एक आपात बैठक हुई.बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में श्रीनिवासन ने कहा कि इस घटना के बाद अब बीसीसीआई खिलाड़ियों के एजंटों को एक्रिडिएशन देने पर विचार कर रही है. उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों तक पहुंच की जांच को और कड़ा बनाया जाएगा.

उन्होंने कहा कि स्पॉट फिक्सिंग मामले की जांच में सहयोग के लिए बीसीसीआई दिल्ली पुलिस के आयुक्त से मदद मांगेगी. दिल्ली पुलिस ने ही इस मामले का पर्दाफ़ाश किया है. उन्होंने कहा स्पॉट फ़िक्सिंग के मामले में अभी तक केवल तीन खिलाड़ियों के ही नाम सामने आए हैं. बीसीसीआई प्रमुख के अनुसार बैठक में कि राजस्थान रॉयल्स के प्रतिनिधि भी शामिल हुए. उन्होंने बताया कि टीम प्रबंधन ने तीनों गिरफ़्तार खिलाड़ियों पर लोगों को धोखा देने का मामला दर्ज कराने का फ़ैसला लिया है.

एन श्रीनिवासन ने साफ़ किया कि इस मामले में बीसीसीआई अपनी ओर से खिलाड़ियों पर कोई मुक़दमा दर्ज नहीं कराएगी. उन्होंने कहा कि स्पॉट फ़िक्सिंग मामले की जांच के लिए रवि सवानी को जांच आयुक्त नियुक्त किया गया है. वे अपनी जांच रिपोर्ट अनुशासन समिति को सौंपेंगे. इसके बाद इस मामले में दोषी पाए गए खिलाड़ियों के ख़िलाफ़ सख़्त से सख़्त कार्रवाई की जाएगी.

बीसीसीआई को सूचना के अधिकार क़ानून के दायरे में लाने के सवाल पर श्रीनिवासन ने कहा, ”हम किसी भी तरह से सरकार के दायरे में नहीं आते और न उससे किसी तरह की आर्थिक मदद लेते हैं. इसलिए आरटीआई क़ानून हम पर लागू नहीं होता है.”

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