विटामिन सी से लाइलाज टीबी का इलाज?

टोरंटो,30 मई 2013 – वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि विटामिन सी से टीबी या तपेदिक के उस स्वरूप का भी इलाज किया जा सकता है जिनपर कुछ ताकतवर दवाएं भी कारगर नहीं हो पाती हैं। येशिवा युनिवर्सिटी के अमेरिकी शोधकर्ताओं ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि चौंका देने वाली यह खोज टीबी के संक्रमण से निपटने के एक नए तरीके पर रोशनी डालती है। नेचर कम्युनिकेशन्स में प्रकाशित इस रिपोर्ट के मुताबिक मल्टीड्रग रेजिस्टेंट टीबी का यह संक्रमण दिन पर दिन लाइलाज होता जाता है। मल्टीड्रग रेजिस्टेंट टीबी की वह अवस्था है जब इसके शुरुआती इलाज के काम आने वाली कुछ असरदार दवाएं भी नाकाम हो जाती हैं। एक अनुमान के मुताबिक दुनिया भर में इस तरह की टीबी या तपेदिक के तकरीबन साढ़े छह लाख मरीज हैं।
इन नतीजों के बाद अब इस बात के अध्ययन की और अधिक जरूरत महसूस की जा रही है कि क्या इलाज के इस तरीके में विटामिन सी का इस्तेमाल मनुष्यों में टीबी की दवा के तौर पर किया जाना फायदेमंद रहेगा। प्रयोगशाला में किए गए अध्ययनों में यह बात सामने आई कि विटामिन सी शरीर में कुछ ऐसे तत्वों के उत्पादन को सक्रिय करता है जो टीबी को खत्म करती हैं। ये तत्व फ्री रैडिकल्स के नाम से जाने जाते हैं और यह टीबी के उस स्वरूप में भी कारगर होता है जब पारंपरिक क्लिक करें एंटीबायोटिक्स दवाएं भी नाकाम हो जाती हैं। डॉक्टर विलियम जैकब्स येशिवा युनिवर्सिटी में अलबर्ट आइंसटीन कॉलेज ऑफ मेडिसिन के प्रोफेसर हैं और उन्होंने इस शोध की अगुवाई भी की है।वह कहते हैं, हम इसे अभी तक एक टेस्ट ट्यूब में ही दिखा पाने में कामयाब हुए हैं और हमें नहीं पता कि यह मनुष्यों या जानवरों पर कारगर होगा या नहीं। डॉक्टर विलियम ने बताया, इस बात पर विचार करने के लिए यह एक महत्वपूर्ण अध्ययन होगा क्योंकि हमारे पास टीबी का नमूना है, इनके लिए हमारे पास कोई दवा नहीं है और हमने प्रयोगशाला में देखा कि टीबी के इन नमूनों को विटामिन सी असरहीन कर देता है।

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