चीनी-अमेरिकी सेनाओं के बीच जारी है बुलंदियों का दौर

वाशिंगटन. चीन और अमेरिका के बीच सैन्य मसलों पर जारी तनाव के बवाजूद दोनों देशों की सेनाओं के आपसी संबंध नई बुलंदियों पर हैं। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी और अमेरिकी सेना के संबंधों में पिछले दो वर्षों के दौरान अधिक प्रगाढता आई है। अमेरिका के कैनेडी सेंटर में वर्ष 2011 में आयोजित हुए सेना बैंड मुकाबले में अमेरिकी सेना की एक महिला सार्जेंट तथा पीएलए के एक पुरुष गायक की जोडी ने इतालवी ओपेरा ला त्रिविएता की एक प्रस्तुती देकर सबको कायल कर दिया था।
इसके अलावा पीएलए अधिकारियों तथा अमेरिकी अधिकारियों के बीच इस महीने चीन के नानिजंग शहर में समुद्री डाकुओं का मुकाबला करने संबंधी रणनीति पर बैठक हुई। अमेरिका ने चीन को अगले वर्ष प्रशांत महासागर में होने वाले एक बेहद महत्वपूर्ण सैन्याभ्यास में हिस्सा लेने का न्यौता दिया है। दोनों परमाणु शक्ति संपन्न देशों की सेनाओं के बीच के संबंधों में आई नजदीकी का लाभ इन्हें एक दूसरे के काम करने के तरीके समझने में तो मदद करेगा ही, साथ ही आपदा प्रबंधन तथा महामारी की स्थिति पर काबू पाने जैसे संयुक्त अभियानों में भी साथ काम करने में मदद करेगा। दोनो सेनाओं के बीच आ रही नजदीकियों के बावजूद दोनो देश अब भी दुनिया के दो अलग अलग छोरों पर अलहदा खडे हुए हैं। अमेरिका चीन को अक्सर सायबर जासूसी के लिए जिम्मेदार ठहराता रहता है, वहीं एशिया में अमेरिकी सेना की बढोतरी के मुद्दे पर भी चीन के आला अधिकारियों की त्यौरियां चढी हुई हैं।
अमेरिका के अलावा दूसरे पश्चिमी देश भी चीन के नजदीक आ रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया भी चीन के साथ संयुक्त सैन्याभ्यासों को अंजाम देता आया है और यूरोपीय देशों की सेना के साथ भी चीन के संबंधों में इजाफा हो रहा है। इसके अलावा नाटो गठबंधन भी चीन के साथ बेहतर रिश्ते कायम करने की कोशिश में है।

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