आर्कटिक से आया संकट सन्देश

imagesओटवा- जोखिमपूर्ण और रोचक यात्राओं के शौक़ीन रूसी यात्री फ्योदर कोन्यूखव और विक्टर सिमोनव आर्कटिक यात्रा पर हैं और उन्होंने वहाँ से एक एसओएस यानी संकट सन्देश भेजा था। उनका यह सन्देश मास्को, नाखोद्का, पाकिस्तान और आइसलैंड में प्राप्त किया गया। लेकिन उसमें चिंता की कोई बात नहीं थी, यह सुरक्षा उपकरणों की जांच करने के लिए भेजा गया एक परीक्षण सन्देश था। इन यात्रियों की जान को कोई ख़तरा नहीं है और वे आर्कटिक अभियान के दूसरे चरण की तैयारी में जुटे हुए हैं।
आपात एवं सुरक्षा उपकरण का परीक्षण फ्योदर कोन्यूखव की ध्रुवीय यात्रा के अनुसंधान कार्यक्रम का एक हिस्सा है। उन्होंने इससे पहले 6 अप्रैल को उत्तरी ध्रुव से शुरू हुए और मई के अंत में कैनेडा के हंट वर्थ द्वीप पर समाप्त हुए अभियान के तकनीकी उपकरण की प्रशंसा की थी। उन्होंने कहा कि रूसी रेडियो उपकरण ने आर्कटिक महासागर की बहती बर्फ की परिस्थितियों में 900 से अधिक किलोमीटर की दूरी के अभियान के दौरान उत्तम कार्यक्षमता का प्रदर्शन दिया। हमारे स्लेज कई बार बहुत ऊंचाई से बर्फ पर गिरे। यह कहना गलत न होगा कि यह परिस्थितियाँ इलेक्ट्रॉनिक रेडियो उपकरणों के परीक्षण की पराकाष्ठा थीं। हमें इन उपकरणों की इतने बार ऐसे गिरने के बाद काम करने की उम्मीद बहुत कम थी।

आपातकालीन समुद्री रेडियो बीकन और रेडियो बीकन एर-855 ने बेहतर प्रदर्शन दिया। रेडियो बीकन एर-855 विमानों और हेलीकाप्टरों के दुर्घटनाग्रस्त होने पर चालक दल की स्थिति सुनिश्चित करने तथा उनकी खोज के कार्यों का आयोजन करने के लिए बनाया गया है। समुद्री रेडियो बीकन ्रक्रक्चरू-406हृ का इस्तेमाल जहाज और चालक दल के खतरे में होने की स्थिति में किया जाता है, यह खोज और बचाव की अंतरराष्ट्रीय उपग्रह प्रणाली कोस्पास-सरसात और ग्लोनास/जीपीएस प्रणाली की सहायता से विमानन और समुद्री बचाव सेवाओं के लिए दुर्घटना स्थल को निर्धारित करता है। ऐसा फ्योदर कोन्यूखव के कर्मचारी अध्यक्ष सेर्गेई सेर्गेयेव ने रेडियो रूस को बताया। वह कहते हैं:
इन रेडियो बीकनों का इस्तेमाल हमारा रक्षा मंत्रालय करता है और अब राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में इसके इस्तेमाल की योजना है। इनके परीक्षण आम तौर पर सफल रहे हैं। आज हम केवल यह कह सकते हैं कि यह केवल एक शुरुआत है। अभी अध्ययन और शोध कार्य की एक पूरी श्रृंखला बाकी है। पृथ्वी के उच अक्षांशों पर रेडियो तरंगों और चुंबकीय विकिरण के गुजरने का अध्ययन करना होगा। हमने केवल एक स्थान पर इनकी जांच की है और सब कुछ ठीक ठाक हो गया है।
सेर्गेई सेर्गेयेव ने बताया कि अभियान यात्री अब कैनेडा से ग्रीनलैंड पहुँच गए हैं। अभियान के दूसरे चरण में उनका इरादा ग्रीनलैंड की यात्रा उत्तर से दक्षिण तक करने का है। अब सब केवल अधिकारियों द्वारा मार्ग को पारित करने और उन्हें यात्रा की अनुमति देने पर निर्भर करता है। स्लेज में एस्किमो नस्ल के 22 नए स्थानीय कुत्तों का इस्तेमाल किया जाएगा। पहले चरण के कुत्तों को वापस घर भेजा जा चुका है। ग्रीनलैंड डेनमार्क के अंतर्गत आता है और डेनमार्क वहाँ मुख्य भूमि से पशुओं के आयात में बाधा डालता है। पशुओं को ग्रीनलैंड पहुँचने से पहले एक महीना संगरोध में गुजारना पड़ता है। समय की कमी के कारण फ्योदर कोन्यूखव और विक्टर सिमोनव को दूसरे कुत्तों का इस्तेमाल करना पड़ा।

 

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