आपका फोन कोई और तो नहीं सुन रहा

टोरंटो,अमेरिकी खुफिया एजेंसियों पर आरोप है कि वे लोगों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए इंटरनेट कंपनियों के सर्वर टैप कर रही हैं। राष्ट्रीय खुफिया एजेंसी ने इन आरोपों से इनकार किया और कहा है कि ऐसी बातें भ्रम फैलाती हैं।
पिछले दिनों वॉशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी माइक्रोसॉफ्ट, एप्पल, गूगल और फेसबुक जैसी कंपनियों की तस्वीरें, वीडीयो और ईमेल हासिल करके लोगों की निजी जानकारियां हासिल कर रही हैं। व्हाइट हाउस ने इन तमाम आरोपों को नकारते हुए कहा है कि जानकारी हासिल करने के पीछे खुफिया विभाग का मकसद केवल लोगों की सुरक्षा है और वे उनके निजी जीवन से जुड़ी जानकारियां टैप नहीं कर रहे हैं। इन दिग्गज इंटरनेट कंपनियों ने भी इस बात से इनकार किया है कि उन्होंने सुरक्षा विभाग को किसी भी सर्वर तक पहुंचने की अनुमति दी है।
प्रिम से जासूसी
प्रिम नाम से जाने जा रहे इस खुफिया कार्यक्रम के बारे में एप्पल के प्रवक्ता स्टीव डोलिंग ने कहा, हमने प्रिम जैसे किसी प्रोग्राम के बारे में नहीं सुना है। उन्होंने सरकारी विभागों के उनके सर्वर तक पहुंचने की बात से इनकार किया है। फेसबुक के मुख्य सुरक्षा अधिकारी जो सूलिवन ने भी कहा कि फेसबुक का प्रिम से कोई लेना देना नहीं। इसी तरह गूगल और माइक्रोसॉफ्ट भी इन बातों से इनकार कर रहे हैं।
प्रिम के बारे में खुलासा करती हुई गार्डियन की भी रिपोर्ट सामने आई थी जिसके जवाब में सरकारी प्रवक्ताओं का कहना है कि वे अमेरिकी लोगों के निजी जीवन की जासूसी नहीं कर रहे हैं, हालांकि उन्होंने प्रिम के होने से इनकार नहीं किया है। अधिकारियों ने कहा, यह बेहद पेचीदा काम है जिसे कोर्ट ने मंजूरी दी है। इसे केवल गैर अमेरिकी लोगों के बारे में ही जानकारी हासिल करने के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि काफी लंबी चर्चा के बाद ही कांग्रेस ने इसकी अनुमति दी थी।
सुरक्षा में मदद
अधिकारियों का कहना है कि इसकी मदद से अमेरिका में कई हमलों को रोकने में मदद मिली है। क्लैपर ने कहा कि प्रिम के जरिए जुटाई जाने वाली जानकारी अमेरिका की सुरक्षा के लिए बेहद अहम है। पिछले दिनो छपी इन रिपोर्टों में कहा गया था कि इस कार्यक्रम के तहत लोगों के फोन भी टैप किए जाते हैं। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जोश अर्नेस्ट ने कहा, अमेरिकी राष्ट्रपति की प्राथमिकता देश के नागरिकों की सुरक्षा है। हमें इस बात का खास खयाल रखना होता है कि हम वो सभी उपकरण इस्तेमाल करें जिनसे आतंकवादी गतिविधियों की जानकारी हासिल करने में मदद मिलती है।
खुफिया एजेंसी प्रमुख क्लैपर ने कहा कि गार्डियन में छपी रिपोर्ट लोगों को भ्रमित करने वाली है, इससे लोगों का विश्वास घटता है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम से जिस तरह की जानकारी जुटाई जाती है वह अमेरिकियों की निजता में घुसने जैसा बिलकुल नहीं है और अमेरिकियों को इस बात की जानकारी होनी चाहिए।

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