जन्म से पहले ही पता चल जाएंगी बीमारियां

बच्चे के दुनिया में कदम रखने से पहले ही उसे भविष्य में होने वाली बीमारियों का पता लगाया जा सकेगा। वो भी उसकी मां के खून या पिता के लार की जांच से। अमेरिका के कनेक्टिकट यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक एक गर्भवती स्त्री के खून से पहली बार गर्भस्थ शिशु का पूरा जीनोम बनाने में कामयाब रहे हैं। इससे चिकित्सा जगत में ऐसे युग के आगाज की उम्मीद जगी है, जिसमें बच्चे के पैदा होने के पहले ही माता-पिता उसके डीएनए का ब्लूप्रिंट हासिल कर सकेंगे। इससे प्रसव से पहले शिशु को होने वाली जेनेटिक बीमारियों का पता लग पाएगा।
प्रमुख शोधकर्ता पीटर बेन के मुताबिक मां के खून के नमूने से गर्भस्थ शिशु का जीनोम बनाने के लिए हाई स्पीड डीएनए सीक्वेंसिंग और कंप्यूटर एक्रोबैटिक्स का सहारा लिया गया। प्राप्त जीनोम 98 फीसदी तक सटीक था। उम्मीद है कि अगले तीन से पांच वर्षो में यह तकनीक चिकित्सा जगत के पास उपलब्ध होगी लेकिन इस शोध के बाद वैज्ञानिकों में बहस छिड़ गई है। उन्हें डर है कि इससे शिशु का रंग-रूप मन मुताबिक न होने पर गर्भपात कराने वाली स्त्रियों की संख्या बढ़ सकती है।

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