जम्मू कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ सुरक्षा बलों का सबसे बड़ा ऑपरेशन

कश्मीर में आंतकियों की मौजूदगी बढ़ती जा रही है और सेना पर लगातार हो रहे हमलों के बाद अब सेना ने आतंकियों को खिलाफ बड़ा सर्च ऑपरेशन शुरू किया है। सेना ने शोपियां और पुलवामा में 20 से ज्यादा गावों की घेराबंदी करते हुए यहा छिपे आतंकियों की तलाश तेज कर दी है। सेना आतंकियों को जिंदा या मुर्दा पकड़ने के लिए यह अभियान चला रही है। इस दौरान दो गांवों में सुरक्षाबलों को हिंसक ग्रामीणों पर काबू पाने के लिए हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा। आठ संदिग्ध तत्वों को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। बीते 18 सालों में वादी में किसी इलाके में एकसाथ एक दर्जन से ज्यादा गांवों की एक साथ घेराबंदी कर तलाशी लिए जाने का यह पहला मामला है। इस तरह के तलाशी अभियान 1990 के दशक में ही होते थे। गौरतलब है कि गत सोमवार को आतंकियों ने कुलगाम में जेके बैंक की कैशवैन पर हमला कर पांच पुलिसकर्मियों के साथ दो बेंक कर्मियों की हत्या भी कर दी थी। आतंकी मारे गए पुलिसकर्मियों के हथियार भी लूट ले गए थे। इसके बाद मंगलवार की रात को शोपियां में जिला अदालत परिसर से आतंकयों ने एक पुलिस चौकी पर धावा बोल पांच राइफलें लूटी थी। इस दौरान तीन बैंकों में भी डकैती हुई।

एसएसपी शोपियां ताहिर सलीम ने हालांकि किसी को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिए जाने से इंकार करते हुए कहा कि जिन गांवों की तलाशी ली जा रही है, वह जिला पुलवामा और जिला शोपियां के अंतर्गत ही आते हैं। यह सभी गांव एक दूसरे के साथ सटे हुए हैं। इन गांवों में दो दर्जन के करीब आतंकियों के छिपे होने की संभावना है। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि गत दिनों जिन 30 आतंकियों का वीडियो वायरल हुआ था, उनमें से कुछ इसी इलाके में बीते तीन दिनों के दौरान देखे गए हैं। इसके अलावा आतंकी की ट्रेनिंग वाला वीडियो भी इसी क्षेत्र में कहीं बना है।

तलाशी अभियान में राज्य पुलिस के विशेष अभियान दल एसओजी के साथ साथ 55 आरआर, 44 आरआर, 111 सीआरपीएफ के जवान हिस्सा ले रहे हैं। सुरक्षाबलों ने द्वारा हफ, श्रीमाल, सुगाम,तुरकवांगन, चिलीपोरा, मलनाड और सुगन व उनके साथ सटे इलाकों की सुबह पांच बजे के करीब घेराबंदी की। सुगन और तुरकवांगन गांव में स्थानीय लोगों ने सुरक्षाबलों को घेराबंदी से रोकते हुए उनके खिलाफ नारेबाजी करते हुए पथराव भी किया। स्थिति पर काबू पाने के लिए पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया और जल्द ही स्थिति को सामान्य बना लिया।

संबधित अधिकारियों ने बताया कि तलाशी अभियान के दौरान कई मकानों को खंगाला गया है। इसके अलावा कई ग्रामीणों के बारे में पढ़ताल की गई है। हालांकि अधिकारिक तौर पर किसी की गिरफतारी की पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन आठ संदिग्ध तत्वों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिए जाने की सूचना है। अन्य विवरण प्रतीक्षारत हैं।

पुलवामा के पुलिस अधीक्षक रईस मोहम्मद भट्ट ने बताया कि शुरूआती जांच में पता चला है कि इन घटनाओं में आतंकी संगठन लश्कर-ए- तैयबा का हाथ है। उन्होंने बताया, ‘हमने पदगमपोरा और खागपुरा के एक-एक आतंकी की पहचान की है। यह साफ हो चुका है कि इन संगठनों के पास पैसे की कमी हो रही है। हमने देखा है कि ये अब अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। हम लगातार इसकी जांच कर रहे हैं।’

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