जी7 सम्मीट : आतंकवाद रहेगा मुख्य मुद्दा

औटवा। नाटो लीडरस सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री जस्टीन ट्रुडो जी7 सम्मीट में भाग लेने पहुंचे। इस सम्मेलन में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भी आने की उम्मीद जताई जा रही है, माना जा रहा हैं कि यह राष्ट्रपति के रुप में उनका पहला अधिवेशन होगा जिसे वह स्वतंत्र रुप से भागीदारी करेंगे। व्हाईट हाऊस द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार इसमें राष्ट्रपति द्वारा सैनिक गठबंधन पर गहन चर्चा हो सकती हैं। परन्तु जानकारों और विशेषज्ञों की राय में अभी हाल ही में हुए आतंकी हमलों के कारण घबराए हुए पूरे विश्व में आतंकवाद के मुद्दे पर चर्चा करना उचित रहेगा। हालांकि, सीनेट माइनोरिटी नेता चक शूमर ने चेताया कि ट्रंप प्रशासन इस समझौते से बाहर निकलने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। सीनेट डेमोक्रेट्स के समूह ने भी कहा कि जलवायु समझौते में अमेरिका की भागीदारी अमेरिकी प्रतिस्पर्धा और अंतर्राष्ट्रीय मंच पर उसके नेतृत्व के लिए जरूरी है, विशेषकर चीन के संदर्भ में। शूमर ने कहा, कल्पना कीजिए, ट्रंप आर्थिक और नैतिक अवसरों को चीन को सौंपने के लिए तैयार हैं। ये वही ट्रंप हैं जो बार-बार यह कहते रहे हैं कि चीन हमसे रोजगार छीन रहा है। जलवायु परिवर्तन समझौते पर पेरिस में सीओपी21 सम्मेलन में ओबामा की अध्यक्षता में 2016 में हस्ताक्षर हुए थे। इस दौरान देशों ने ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कटौती कर जलवावु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने की प्रतिबद्धता जताई थी। हाइट हाउस ने कहा कि ट्रंप जी7 सम्मेलन के बाद जलवायु समझौते पर अमेरिका की स्थिति का ऐलान करेंगे, 26-27 मई को इटली के सिसिली में होने जा रहा है। यह राष्ट्रपति के तौर पर ट्रंप का पहला अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन होगा। यदि ट्रंप प्रशासन इस समझौते से पीछे हटता है तो वह सीरिया और निकारागुआ देशों की लीग में शामिल हो जाएगा, जिन्होंने इस समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। कैनेडा द्वारा अपने रक्षा कार्यक्रमों में कम खर्च करना भी नाटों में एक बड़ा मुद्दा बन सकता हैं, जिसके कारण इस गठबंधन में कैनेडा को तीसरे स्थान पर भी रखा जा सकता है। जी7 में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री ईटली पहुंचेगे।
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