युद्धकाल से कैनेडा-नाटो मिशन से जुड़ा हुआ है

ब्रैम्पटन। इस मिशन के साथ कैनेडा युद्ध काल अर्थात 1949 से जुड़ा हैं, परन्तु फिर भी कैनेडा की सेवाओं और बलिदानों को उतना सम्मान नहीं मिल पाया जिसका वह अधिकारी हैं। नाटो में कैनेडा की सदस्यता बहुत पुरानी हैं, आंकड़ों के अनुसार शीत युद्ध से ही कैनेडा नाटो का सदस्य बना हुआ हैं, सोवियत संघ के टूटने के पश्चात अफगानिस्तान के समर्थन में बलकानस, 9/11 आदि घटनाएं घटी। जिसके पश्चात उत्तरी अटलांटिक क्षेत्र की सुरक्षा को बढ़ाना और अधिक आवश्यक हो गया और इस कारण से इसमें कई देशों को मिलाना मजबूरी हो गई जिससे राजनैतिक व सैन्य गठबंधन द्वारा दुनिया में शांति कायम की जा सके। गौरतलब हैं कि अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा यह कहा गया कि कैनेडा द्वारा अपने रक्षा मामलों पर उतना व्यय नहीं किया जा रहा, जितना उसे करना चाहिए, यह संदेश ट्रंप द्वारा अपने पड़ोसी के लिए कहना उचित नहीं माना जा रहा। रिपोर्ट के अनुसार कैनेडा को अपने रक्षा खर्चों में वृद्धि करके अपने लक्षित खर्चों 19 बिलीयन डॉलर से दोगुना कर लेना चाहिए, जिसके प्रति उत्तर में प्रधानमंत्री जस्टीन ट्रुडो ने माना कि हमें अपनी जेब देखते हुए इन लक्ष्यों को निर्धारित करना चाहिए न कि किसी की बातों में आकर। समय के साथ साथ इसे बढ़ाया भी जा सकता हैं, परन्तु अभी वह समय नहीं आया हैं। इस वर्ष कैनेडा अपने स्थापना का 150वां वर्ष मना रहा हैं, जिसके कारण उसे अपनी सुरक्षा योजनाओं पर पूर्ण ध्यान देना होगा, और इसके लिए उचित व्यय करके ही अभूतपूर्व सुरक्षा प्रबंध किए जा सकेंगे। हमें इस वर्ष यह उत्सव मनाकर पूरी दुनिया को दिखाना होगा कि कैनेडा अपने शांति प्रयासों को बचाएं रखते हुए अपनी सुरक्षा करना भी जानता है और इसके लिए हमारे देश के वीर महिला व पुरुष सैनिकों को मैं सलाम करना चाहता हूं।
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