केंद्र सरकार राष्ट्रीय आदिवासी दिवस का नाम बदलकर राष्ट्रीय मूल निवासी दिवस करेगी : ट्रुडो

औटवा। प्रधानमंत्री जस्टीन ट्रुडो ने अपने संबोधन में कहा कि केंद्र सरकार जल्द ही राष्ट्रीय आदिवासी दिवस का नाम बदलकर राष्ट्रीय मूल निवासी दिवस करने के बारे में सोच रही हैं, सभी कैनेडियनस इस दिन मिलकर अपने प्रथम राष्ट्रीय नागरिकों को याद करते हैं और उनके देश के लिए किए गए योगदान को अपने मन से श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, इन स्वदेशी लोगों द्वारा देश के कला, सभ्यता और संस्कृति में अतुल्यनीय योगदान के कारण आज हम पूरी दुनिया में अपनी एक अलग छवि प्रस्तुत कर रहे हैं। प्रधानमंत्री का समर्थन करते हुए एम्बैसी ऑफ फर्स्ट नेशनस नेशनल चीफ पैरी बेलेग्रेड ने कहा कि इस नए नाम के कारण इन लोगों को दुनिया में एक अलग पहचान मिलेगी जिससे पूरी दुनिया के लोग कैनेडा के मूल निवासियों की पहचान कर सकेंगे और उनका एक अलग ही सम्मान होगा। उन्होंने आगे कहा कि इस प्रकार के छोटे से बदलाव से बहुत उत्तम परिणाम आने की उम्मीद हैं, जिस प्रकार प्रधानमंत्री द्वारा इनके सम्मान हेतु यह कदम उठाया गया हैं, उसी प्रकार दुनिया भी इन्हें अब एक अलग दृष्टि से देखेंगी और कैनेडा के स्थापक के रुप में इन्हें पहचानेगी।  सरकारी सूत्रों के अनुसार ट्रुडो की इस संबंधी अन्य योजनाएं भी शीघ्र ही लोगों के सामने प्रस्तुत की जाएगी। गौरतलब हैं कि अभी कुछ दिन पूर्व ही एनडीपी सांसद जॉर्जिया जोलीबोईस ने एक निजी सदस्य बिल के अनुसार राष्ट्रीय आदिवासी दिवस पर अवकाश की घोषणा करने की मांग उठाई थी।
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