ट्रंप के साथ भोज करने वाले मोदी पहले वैश्विक नेता होंगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत की तैयारी कर रहे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप व्हाइट हाउस में सोमवार को उनके लिए रात्रिभोज आयोजित करेंगे जो इस प्रशासन में अपनी तरह की पहली मेजबानी है। एक वशिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने मोदी के आगमन की पूर्व संध्या पर संवाददाताओं से कहा, ‘व्हाइट हाउस को इसे विशेष यात्रा बनाने में बहुत रुचि है। हम सचमुच शानदार स्वागत की तैयारी कर रहे हैं। और तो और, दोनों नेता साथ में व्हाइट हाउस में रात्रिभोज करेंगे।’ उन्होंने कहा कि इस प्रशासन के तहत व्हाइट हाउस में यह एक विदेशी गणमान्य के लिए पहला रात्रिभोज होगा। इसलिए हम समझते हैं कि यह बहुत अहम है। मोदी आज रात तीन दिन की यात्रा पर यूएस कैपिटोल पहुंचेंगे जिस दौरान वह व्हाइट हाउस में ट्रंप के साथ बैठक करेंगे। सोमवार की दोपहर से दोनों नेता विभिन्न बैठकों में साथ वक्त बिताएंगे जिसमें दोनों के बीच सीधी बातचीत, शिष्टमंडल के स्तर की वार्ता और स्वागत शामिल है जो रात्रिभोज के साथ खत्म होगा। अधिकारी ने कहा कि वे सीधी बातचीत से शुरूआत करेंगे। फिर वह सीधी बातचीत से दिपक्षीय मुद्दों पर बातचीत करेंगे, जो करीब एक घंटे तक चलेगी। फिर दोनों प्रेस में बयान जारी करेंगे। अधिकारी ने स्पष्ट किया कि यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होगा। उन्होंने बताया, ‘प्रेस को बयान देने के बाद वह दोनों स्वागत समारोह में जाएंगे। इसके बाद रात्रिभोज होगा। इस तरह यह लंबी बातचीत होगी, दोनों नेताओं को एक दूसरे को जानने के लिए और उन अहम मुद्दों पर संवाद के लिए समय लगेगा जिनका सामना दोनों देश कर रहे हैं।’ बैठकों के दौरान अमेरिकी पक्ष का प्रतिनिधित्व उप राष्ट्रपति माइक पेन्स, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल एचआर मैक्मास्टर, विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन, रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस, वाणिज्य मंत्री विल्बर रोज और वित्त मंत्री स्टीवेन न्यूशिन करेंगे।
अधिकारी ने कहा कि मोदी की यात्रा अमेरिका और भारत के बीच के रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने का एक मौका है जिसके बारे में ट्रंप का नजरिया है कि यह एशिया प्रशांत क्षेत्र और वैश्विक स्तर पर स्थिरता तथा सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए बहुत अहम साझेदारी है। उन्होंने कहा कि हमें आशा है कि उनकी चर्चा व्यापक होगी और विभिन्न क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर होगी जो हमारी साझा प्राथमिकता को आगे बढ़ाएगी जिसमें आतंकवाद से लड़ाई, आर्थिक विकास और समृद्धि को बढ़ावा देना शामिल है। अधिकारी ने कहा कि अमेरिका भारत के रक्षा आधुनिकीकरण को आसान बनाने और एशिया प्रशांत में प्रमुख के तौर पर इसकी भूमिका का विस्तार करने में मदद करने में बेहद रुचि रखता है। ट्रंप प्रशासन का मानना है कि एक मजबूत भारत अमेरिका के लिए अच्छा है।
व्हाइट हाउस के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बेशक, अब हमने पिछले कुछ सालों में रक्षा और सुरक्षा साझेदारी में तेज बढ़ोतरी देखी है और राष्ट्रपति ट्रंप उस गति को बनाए रखना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘पिछले साल भारत को प्रमुख रक्षा साझेदार का दर्जा देना बहेद अहम था और मेरे ख्याल से इस यात्रा के दौरान हम इस अहम दर्जे की ठोस अभिव्यिक्त देखेंगे।’ अधिकारी ने कहा कि ट्रंप का मानना है कि रक्षा व्यापार दोनों देशों की सुरक्षा को मजबूत करेगा, यह रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करेगा और यह उनके सशस्त्र बलों को और करीब से सहयोग करने तथा एक दूसरे के साथ बातचीत में सुधार करने का अवसर देगा। उन्होंने कहा कि रक्षा कारोबार ने हजारों अमेरिकी नौकरियों में मदद की है और वर्ष 2008 से भारत ने अमेरिका के साथ 15 अरब अमेरिकी डॉलर के रक्षा अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए हैं। चर्चा का एक अन्य क्षेत्र आतंकवाद की रोकथाम होगा। अधिकारी ने कहा कि अमेरिका और भारत दोनों सभी तरह के आतंकवाद से लड़ने और आतंकवादियों की जांच, खुफिया और सूचना साझा करने, आतंकवादियों द्वारा इंटरनेट उपयोग करने जैसे क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा, ‘मेरे ख्याल से हम आतंकवाद निरोधक सहयोग में कुछ नई पहल देखने की उम्मीद कर सकते हैं।’ मोदी और ट्रंप वैश्विक सहयोग सहित अन्य चीजों पर चर्चा करेंगे।
अधिकारी ने कहा कि भारत अफगानिस्तान को तीन अरब डालर की विकास सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध है और अमेरिका का नजरिया है कि अफगानिस्तान में स्थिरता लाने और लोकतंत्र को बढ़ावा देने में भारत की भूमिका बहुत सकारात्मक है। उन्होंने कहा कि भारत ने अप्रैल में उत्तर कोरिया के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र की पाबंदियों को स्वीकार किया है और उत्तर कोरियाई शासन को बहुत सख्त संदेश देने में भारत, अमेरिका के साथ आया है। अधिकारी ने कहा कि व्यापार और निवेश के क्षेत्र में, भारत और अमेरिका अपने कारोबारी रिश्तों को बढ़ाने और संतुलित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि फिलहाल सामान और सेवाओं का दोनों ओर का करोबार 114 अरब अमेरिकी डॉलर से ज्यादा का है।
व्हाइट हाउस के अधिकारी ने कहा कि यात्रा लोगों के बीच मजबूत रिश्तों की भी परिचायक होगी। अधिकारी ने कहा कि ट्रंप प्रशासन में मोदी की यह पहली अमेरिकी यात्रा है जो संबंधों के निर्माण का एक मौका देती है। उन्होंने कहा, ‘मेरे ख्याल से दोनों नेताओं में बहुत समानता है। मिसाल के लिए, वे सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा फॉलो किए जाने वाले राजनीतिज्ञ हैं।’ अधिकारी ने कहा, ‘मेरे ख्याल से राष्ट्रपति ट्रंप मोदी से थोड़ा आगे हैं, लेकिन मेरे ख्याल से यह दिखाता है कि वे किस किस्म के नेता हैं। वे दोनों नवोन्मेषी हैं, वे दोनों व्यापारी हैं, वे अपने लोगों के लिए अधिक समृद्धि लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं और ऐसा करने के लिए नवोन्मेषी तरीकों के बारे में सोचते हैं।’ वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने कहा, ‘मेरे ख्याल से वे दोनों अपनी चर्चाओं में व्यापक साझा आधार तलाशेंगे, निजी तौर पर भी और रणनीतिक साझेदारी के संदर्भ में भी।’

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