जी20 शिखर सम्मेलन : ट्रुडो की नजर ट्रंप- मार्केल के बीच हुई वार्ता पर

औटवा। प्रधानमंत्री जस्टीन ट्रुडो ने यह  साफ कर दिया हैं, कि इस वर्ष जी20 शिखर सम्मेलन के अंतर्गत उनका पूरा ध्यान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल पर रहेगा, एक हफ्ते की अपनी यूरोपीय यात्रा के अंतर्गत वह दुनिया के 20 अर्थव्यवस्थाओं के सम्मेलन में अपने विचार रखने के लिए उत्सुक दिखें, उन्होंने यह भी बताया कि वह इस बात से बिल्कुल भी चिंतित नहीं कि कैनेडा अपने नए विचार रखने में बिल्कुल भी हिचकिचाएंगे, कैनेडा अपनी नई विदेशी नीतियों को सभी देशों के सामने विश्वास के साथ रखेंगा जिसके कारण उसे चाहे अनुकूल जवाब मिले या प्रतिकूल उसे इस बात का भय नहीं हैं, प्रधानमंत्री जस्टीन ट्रुडो ने अपने संदेश में कहा कि इस समय पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन, गरीबी और अनेक लाईलाज बीमारियों से जूझ रहा हैं, जोकि बहुत ही गंभीर बात हैं, हमें दुनिया को एड्स, टी.बी. और मलेरिया के प्रति और अधिक जागरुक करना होगा, अभी भी दुनिया मे कुछ ऐसे देश हैं जो बहुत से मामलों में अन्य देशों से पिछड़े हैं, उन्हें समानता के लिए मदद करनी होगी। इसके लिए उनके नागरिको को शिक्षा के लिए प्रेरित करना होगा जिससे वे लोग भी अन्य देशों के लोगों भी भांति विकसित हो सके। गौरतलब हैं कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हैम्बर्ग में होने जा रहे जी 20 शिखर सम्मेलन के बारे में जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल से और इटली के प्रधानमंत्री पाओलो जेन्टीलोनी से बात की। व्हाइट हाउस ने ट्रंप की बातचीत के बाद गत सोमवार को जारी एक बयान में कहा कि ट्रंप और मर्केल ने जलवायु मुद्दों, महिला उद्यमिता वित्त पोषण पहल और व्यापार सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। बयान में कहा गया है, राष्ट्रपति ने कहा कि वह शिखर सम्मेलन को सफल बनाने के लिए चांसलर मर्केल की सहायता करने के आकांक्षी हैं। एक अलग बयान में व्हाइट हाउस ने कहा कि ट्रंप ने जी 20 शिखर सम्मेलन के बारे में इतालवी प्रधानमंत्री जेन्टीलोनी से भी फोन पर बात की और मई में जी 7 शिखर सम्मेलन का आयोजन करने के उनके प्रयासों के लिए उनकी सराहना की। बयान में कहा गया है राष्ट्रपति ने लीबियाई प्रवासी संकट के हल के लिए इटली के प्रयासों में उनके योगदान को रेखांकित भी किया। हैम्बर्ग में आगामी शुक्रवार और शनिवार को विश्व की 20 प्रमुख आर्थिक शक्तियों की बैठक होने वाली है। इस शिखर सम्मेलन से पूर्व मर्केल द्वारा जारी एक बयान में यह माना गया कि दुनिया में फैली समस्याओं का समाधान पृथकवाद और संरक्षणवाद की नीतियों से नहीं निकाला जा सकेगा।
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