पार्किंग अधिकारियों के वेतन किए जारी 

समाचार पत्रों में प्रकाशन के पश्चात लिया गया यह फैसला, लोगों से पार्किंग अधिकारियों के वेतन को छुपाने की बात से सतर्क हुआ मेयर कार्यालय
सिटी हॉल। पिछले कुछ दिनों से चर्चा में उठ रहे टोरंटो पार्किंग प्राधिकरण के दो उच्च अधिकारियों के घोटाले की खबरों ने सभी को अपनी ओर  आकर्षित कर रखा हैं, पहले खबर आई कि इन अधिकारियों को लैंड डील में कोई घोटाल चल रहा हैं, जबकि प्राधिकरण द्वारा इसके जांच के आश्वासन के पश्चात इसे खत्म किया गया, परन्तु पिछले दिनों ही इनके वेतने को सार्वजनिक रुप में नहीं बताने पर मामला और अधिक उलझ गया, एक मीडिया संस्था द्वारा लिए गए साक्षात्कार में पार्किंग प्राधिकरण द्वारा स्पष्ट रुप से इनके वेतन को छुपाने की बात उजागर की गई। सूत्रों के अनुसार लैंड डील के दोषी अधिकारियों के वेतन को लेकर भी एक नया खुलासा सामने आया हैं, जिसमें यह बताया गया कि प्राधिकरण द्वारा इन अधिकारियों का वेतन भी अभी तक किसी को उजागर नहीं किया हैं, जिसमें सबको भारी संशय लग रहा हैं, पूर्ण जांच के पश्चात ही पता चलेगा कि यह घोटाला कितना बड़ा हैं। टीपीए द्वारा जारी रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया कि यदि इस जांच में उनका दोष पूर्णत: सिद्ध होता हैं तो उनपर सख्त कार्यवाही भी की जा सकती है। रियल स्टेट विकास व विपणन के उपाध्यक्ष लॉरनी परसीको ने अपने संबोधन में कहा कि पूरी जांच प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से की जाएगी और दोषियों को उनके किए कृत की सजा अवश्य मिलेगी। इस घोटाले में शामिल अधिकारी सिटी मैनेजर पीटर वालेस, उप सिटी मैनेजर गीयुलाना कारबोन का नाम सामने आया हैं। पूरी घटना सार्वजनिक होने पर मेयर द्वारा इस मुद्दे में हस्तक्षेप किया गया, और उन्होंने साफ तौर पर मीडिया को बताया कि उन अधिकारियों का वेतन पूर्ण रुप से सार्वजनिक हैं और उसे अवश्य ही लोगों को बताया जाएगा। सिटी प्रवक्ता वीना ब्राउन ने बताया कि नगरपालिका में निजीता अधिनियम के अंतर्गत किसी भी अधिकारी का वेतन सार्वजनिक कर सकते हैं, जिसके अनुसार किसी भी अध्यक्ष का वेतन 246,500 डॉलर से 333,500 डॉलर तक होता हैं। इसी प्रकार किसी प्रदर्शनी के अधिकारी सीईओ का वेतन 231,629 डॉलर जिसमें उसके करों का लाभ भी जुड़ा होगा और टोरंटो जू के सीईओ का वेतन 252,361 डॉलर हैं, जबकि टीटीसी के सीईओ का वेतन 354,810 डॉलर हैं। प्रवक्ता ने बताया कि किसी भी अधिकारी को अनुचित वेतन पर कभी भी कानूनी कार्यवाही होने का प्रावधान भी हैं।
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