रेल पटरियों से मलबा हटाने में चुनौती बने बुरी तरह क्षतिग्रस्त डिब्बे

मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के खतौली में हुए भीषण ट्रेन हादसे के कारण रात भर खोज एवं बचाव अभियान चलाए जाने के बाद रेलवे ने आज पटरियों पर से मलबा हटाने के लिए हाई-टेक क्रेनों और कई कर्मचारियों को तैनात किया है। पटरी से उतर चुके डिब्बों को हटाने के लिये 140 टन वजन की दो क्रेनों को सेवा में लगाया गया था, जिनकी सहायता से हादसे में जीवित बचे लोगों को मलबे से सुरक्षित बाहर निकालने एवं हादसे के शिकार हुए लोगों के शवों को निकालने का काम पूरी रात चलता रहा। तेज गति से आ रही उत्कल एक्सप्रेस के 13 डिब्बे शनिवार को उत्तर प्रदेश के खतौली के निकट पटरी से उतर गये। इनमें से एक डिब्बा रेलवे पटरी के पास मौजूद एक घर से जा टकराया जिससे 20 से अधिक यात्रियों की मौत हो गयी। घटना के बारे में जानने के लिए उत्सुक लोगों की भीड़ घटनास्थल पर आज सुबह जमा हो गयी। दो कोचों को वहां से खींचकर पटरी से दूर जमीन पर रख दिया गया। पास की जगहों से लाइनमैन और अन्य कामगारों को बुलाकर अवांछित पत्थरों को बेलचे की मदद से हटाया गया और क्षतिग्रस्त पटरियों को मजबूत करने के लिये कंक्रीट की नयी स्लीपर्स को वहां डाला गया। वहां कार्यरत एक लाइनमैन ने कहा, ‘‘पटरियों से मलबा हटाने के लिये हम लोग पानीपत से आये हैं।’’ पलट चुके एक डिब्बे को हटाने का काम फिलहाल जारी है। एक डिब्बा स्थानीय कॉलेज की इमारत के अगले हिस्से से जा टकराया था जबकि पास के घर से टकराने वाले एक अन्य डिब्बे ने इसके अगले हिस्से को तहस नहस कर दिया था। इसे वहां से हटाकर जमीन पर लाना बाकी है। दिल्ली डिवीजन के डीआरएम आरएन सिंह ने कहा, ‘‘ट्रेन में 23 डिब्बे थे जिनमें से 13 डिब्बे पटरी से उतर गये थे। दुर्घटना के वक्त ट्रेन करीब 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही थी।’’ पटरी से उतरे डिब्बों में से छह बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गये हैं। बुरी तरह क्षतिग्रस्त डिब्बे मलबा हटाने का काम जारी रखने में चुनौती खड़ी कर रहे हैं। तड़के करीब तीन बजे एनडीआरएफ के पहुंचने पर बचाव अभियान ने पूरी रफ्तार पकड़ी। बीती शाम हुई दुर्घटना के बाद से घटनास्थल पर उत्तर प्रदेश पुलिस, आरपीएफ, पीएसी और आरआरएफ कर्मियों को तैनात किया गया है।

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