आज का योग, पावर योग

आधुनिक जीवनशैली में योग, आसन, व्यायाम की अपनी भूमिका बन गई है। हर कोई इनका अभ्यास करना चाहता है, लेकिन कुछ लोग समयाभाव में ऐसा नहीं कर पाते। कम समय में अधिक से अधिक पसीना शरीर से निकले और स्वस्थ रह सकें, इसके लिए आजकल पावर योग का अभ्यास काफी लोग कर रहे हैं। तो आप भी इसका अभ्यास क्यों न करें।
आज के युवाओं में लोकप्रिय पावर योग हठयोग का पाश्चात्य रूप है। यह योग का वह रूप है जो मुख्यतया शरीर के स्तर तक ही सीमित होता है। सामान्य योग मन को नियमित एवं नियंत्रित करने की विधा है, किन्तु पावर योग केवल शरीर को स्वस्थ एवं मांसल करने तक ही सीमित रहता है। इसे सामान्य भाषा में जिम योग भी कहा जा सकता है। इसमें कठिन व्यायाम करना तथा पसीने निकालना मुख्य माना जाता है।
योग का पर्याय
यह मुख्यत: अष्टांग योग का पर्याय है, जिसे पाश्चात्य लोगों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है। पाश्चात्य लोग योग को मन के नियंत्रण की विधा के रूप में न देखकर शरीर को स्वस्थ करने तथा मन को थोड़ा शांत करने के रूप में देखते हैं। इसलिए पावर योग बनाया गया जो रक्त संचालन को बढ़ाता है, शरीर में गर्मी उत्पन्न करता है तथा पसीने निकालकर विषाक्त तत्वों को शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है।
करने का तरीका
इसका मुख्य उद्देश्य शरीर से पसीना निकालना होता है। इसलिए इसमें हम आसनों का अभ्यास लगातार करते जाते हैं। यह अवधि आधे से एक घंटे तक हो सकती है। इसमें आसनों का अभ्यास श्वास के साथ जोड़ते हुए करते जाते हैं। इसमें इस बात का ध्यान रखा जाता है कि कठिन आसनों का अभ्यास किया जाए। इस कारण इसका अभ्यास वही लोग कर सकते हैं, जो पहले से ही स्वस्थ और शारीरिक रूप से मजबूत हों। कमजोर शरीर वाले और किसी बीमारी से पीडित व्यक्ति को इसका अभ्यास नहीं करना चाहिए। इसका अभ्यास करते समय प्यास लगे तो घूंट-घूंट कर पानी पीना चाहिए।

लाभ हैं अनेक
शरीर की शक्ति में वृद्धि करता है।
मांसपेशियों को सशक्त करता है।
चयापचय की गति को बढ़ाता है।
कैलोरी बर्न करता है।
शरीर की लोच बढ़ाता है।
तनाव को दूर करने में मदद करता है।
विषाक्त तत्वों को पसीने के द्वारा शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है।
मोटापा कम करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है।

पावर योग टिप्स
1. इसका अभ्यास प्रात:काल करना यादा लाभदायक होता है।
2. दुष्प्रभाव से बचने के लिए अभ्यास योग्य मार्गदर्शन में ही करना चाहिए।
3. कपड़े सूती तथा आरामदायक पहनें, जो पसीने को सोख सकें।
4. अपनी शक्ति को ध्यान में रखकर ही अभ्यास करें, कभी भी अति न करें।
5. बीमार लोगों को इसका अभ्यास डॉक्टर एवं योग शिक्षक की सलाह पर ही प्रारम्भ करना चाहिए।

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