पोस्ट-सैकेन्ड्री शिक्षा के अंतर्गत बिल 62 का मूल्यांकन छात्रों द्वारा किया जाएगा

टोरंटो। क्यूबेक द्वारा बुरका संबंधी नए कानून की घोषणा के पश्चात नए विवादों का जन्म हो गया, कुछ के अनुसार यह नीति मुस्लिम महिलाओं के लिए उनके अधिकारों की जीत हैं जबकि अन्य को इस नीति के प्रारंभ से मुस्लिम बंदिशों को बढ़ावा देना हैं। लोक सेवा से जुड़े कुछ मुस्लिम छात्र संघों द्वारा इस प्रस्ताव पर विचार छात्रों द्वारा करना चाहिए, जिसका निर्णय सर्वोपरि हो, बिल 62 के अंतर्गत वे लोग क्या सोच रहे हैं यह नीति भी स्पष्ट होगी, गौरतलब हैं कि पिछले कुछ दिनों में इस मुद्दे को लेकर बहुत अधिक मतभेद सामने आएं, जिसके लिए स्वयं प्रधानमंत्री जस्टीन ट्रुडो ने भी इसमें दखल देते हुए इस नीति पर पुन: विचार की पुरजोर अपील की। इन दिनों सबसे अधिक चर्चा का विषय बने क्यूबेक के धार्मिक निष्पक्षता बिल पर प्रांत के न्याय मंत्री ने अपनी रिपोर्ट जारी की हैं, स्टेफेनी वाली ने कहा कि प्रपत्र में जारी इस निर्णय के अनुसार अब कोई भी मुस्लिम महिला को लोक सेवा कार्य के दौरान अपना चेहरा दिखाने की प्रतिबद्धता नहीं होगी, यदि उसे ऐसा करने में असहजता महसूस होती हैं तो वह अपना चेहरा ढक सकती हैं। बिल 62 के अनुसार किसी भी मुस्लिम महिला को लोक सेवा के अंतर्गत अपना चेहरा दिखाना अनिवार्य था, इसके विरोध में उठे सवालों से इसे महिलाओं की सुरक्षा पर हमला बताया, नगरपालिका के राजनेताओं के अनुसार किसी भी बस चालक या लाईब्रेरी कर्मचारी द्वारा इस प्रकार की मांग करना अनुचित था। अल्बर्टा और ओंटेरियो प्रिमीयरस ने प्रधानमंत्री जस्टीन ट्रुडो को इस कानून को समाप्त करने की गुजारिश की गई जिसमें महिलाओं को बुरका पहनने की खुली छूट होनी चाहिए और इसमें वह इसे पहने या नहीं इसके लिए वह केवल अपने मन की सुने न कि जबरन कोई नियम माने।
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