बेल्जियम को हरा कर भारत सेमीफाइनल में पहुंचा

आकाश ने पेनाल्टी शूटआउट में भी शानदार प्रदर्शन किया था। पेनाल्टी शूटआउट में भारत के लिए ललित उपाध्याय और रुपिंदर पाल सिंह ने गोल किए। इससे पहले भारत ने अपने से ज्यादा रैंकिंग और मजबूत टीम के खिलाफ आक्रामक शुरुआत की और पहले ही मिनट में गोल करने का मौका बनाया। रुपिंदर ने उथप्पा को लंबा पास दिया, जिन्होंने गेंद को डी में डाला जहां खड़े सुनील ने निशाना साधा जो गोलपोस्ट के बाहर चला गया। मैच के चौथे मिनट में ही भारत को पेनाल्टी कॉर्नर मिला, जिस पर ललित-मनदीप की जोड़ी गोल नहीं कर पाई।

12वें मिनट में बेल्जियम ने भी गोल करने की कोशिश की जो असफल रही। दूसरे क्वार्टर में भी भारत ने कुछ अच्छे मौके बनाए, लेकिन मेजबान टीम फीनिशिंग में चूक गई और गोल नहीं कर पाई। दूसरा क्वार्टर खत्म होने से पहले भारत को एक और पेनाल्टी कॉर्नर मिला, जिसे एक बार फिर टीम गंवा बैठी। तीसरे क्वार्टर में भारत को पिछले दो क्वार्टरों में किए गए बेहतरीन प्रदर्शन का फायदा मिला और उसने 31वें मिनट में अपना खाता खोला। मनप्रीत ने डी के अंदर गुरजंत को पास दिया, जिसे उन्होंने रिबाउंड पर नेट में डाल कर भारत को 1-0 की बढ़त दिला दी। चार मिनट बाद भारत को एक और पेनाल्टी कॉर्नर मिला। इस बार रुपिंदर पाल सिंह की मदद से हरमनप्रीत सिंह ने गोल करने में कोई गलती नहीं की और भारत ने अपनी बढ़त को 2-0 तक पहुंचा दिया। 39वें मिनट में बेल्जियम को अपना मैच का पहला पेनाल्टी कॉर्नर मिला, जिसे लोइक ने गोल में बदलने में कोई गलती नहीं की। तीसरे क्वार्टर के अंत में भारत को गोल करने का मौका मिला था, लेकिन टीम इसे भुना नहीं पाई। चौथे क्वार्टर में भारत 2-1 की बढ़त के साथ गई, लेकिन बेल्जियम ने लोइक के पेनाल्टी कॉर्नर को गोल में तब्दील करने के बाद स्कोर 2-2 से बराबर कर दिया। यह गोल 46वें मिनट में हुआ।

हालांकि, बराबरी का स्कोर ज्यादा देर तक कायम नहीं रह सका। अगले ही मिनट भारत को पेनाल्टी कॉर्नर मिला, जिसे रुपिंदर ने गोल में बदलते हुए एक बार फिर भारत को एक गोल से आगे कर दिया। बेल्जियम ने हार नहीं मानी और 52वें मिनट में स्कोर 3-3 से बराबर कर लिया। उसके लिए यह गोल आर्मरी क्यूस्टर्स ने किया। इसके बाद बेल्जियम को दो पेनाल्टी कॉर्नर मिले, जिन्हें वो गोल में नहीं बदल पाई।

You might also like

Comments are closed.