संगठन के आदमी रहे जयराम ठाकुर हिमाचल के अगले मुख्यमंत्री होंगे

संगठन से जुड़े रहे मृदुभाषी और सरल स्वभाव के धनी जयराम ठाकुर हिमाचल प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री होंगे। ठाकुर जब महज 28 वर्ष के थे तब उन्होंने पहली बार 1993 में चाचिओट सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा था। वह 800 वोटों के अंतर से पहला चुनाव हार गये थे लेकिन भाजपा नेतृत्व का ध्यान अपनी तरफ खींचने में कामयाब रहे। इसके बाद 1998 में ठाकुर ने इसी सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इसके बाद मंडी जिले की इस चाचिओट (2010 में परिसीमन के बाद सेराज नाम दिया गया) को अपना गढ़ बना लिया और यहां से लगातार पांच बार जीतने का रिकॉर्ड बनाया। वोटबैंक और अपने समर्थकों का आधार बढ़ाने की उनकी क्षमता ही थी कि 2007 में हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों के दौरान पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन किया। ठाकुर के प्रदेश अध्यक्ष रहते पार्टी ने यह चुनाव लड़ा था। ठाकुर के नेतृत्व में पार्टी पहली बार अपने दम पर इस पहाड़ी राज्य में सत्ता में आई और प्रेम कुमार धूमल मुख्यमंत्री बने। ठाकुर ने 2010 से 2012 तक धूमल सरकार में ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री के तौर पर काम किया। हालांकि इस बार विधानसभा चुनावों में धूमल की अप्रत्याशित हार ने प्रदेश में मुख्यमंत्री पद की दावेदारी का रास्ता खोल दिया और जे पी नड्डा समेत कई अन्य बड़े नेताओं के नामों के चर्चा में होने के बावजूद ठाकुर स्वाभाविक पसंद के तौर पर उभरे। हिमाचल प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े जिले मंडी से ठाकुर पहले विधायक होंगे जो मुख्यमंत्री बनेगा। भाजपा ने 2017 में हुये चुनावों में मंडी जिले की 10 सीटों में से नौ पर जीत हासिल कर इतिहास रचा है। अपनी सत्यनिष्ठा के लिये जाने जाने वाले ठाकुर की मतदाताओं के बीच अच्छी पैठ है और सेराज विधानसभा क्षेत्र की 58 में से 56 पंचायतें सड़क से जुड़ी हैं। छात्र जीवन के दौरान ठाकुर एबीवीपी के समर्पित कार्यकर्ता थे और वह संघ के करीबी माने जाते हैं। ठाकुर मुख्यमंत्री बनने वाले राज्य के छठे नेता हैं और हिमाचल प्रदेश के 14वें मुख्यमंत्री होंगे।

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