टोरंटो स्कूल बोर्ड चाहता हैं फेस आउट में और अधिक सुगमता

बोर्ड के सदस्यों के अनुसार कक्षा 9 और 10 के लिए तीन वर्षीय योजना बनाई जा रही हैं जिसमें नए फेस आउट के माध्यम से समान योजना अपनाई जाएगी
टोरंटो। टोरंटो डिस्ट्रीक स्कूल बोर्ड के प्रमुख द्वारा नए प्रस्ताव के अंतर्गत कक्षा 9 और 10 के छात्रों को तीन वर्षीय योजना के अंतर्गत फेस आउट शैक्षणिक कार्य किए जाएंगे। विवादित प्रशिक्षण प्रणाली को सुधारते हुए शैक्षणिक यूनिवर्सिटी के कोर्सों को बदला जाएगा, इसके लिए टीडीएसबी के निदेश जॉन मैलॉए ने कहा कि हमने एक नई रिपोर्ट तैयार की हैं जिसका शीर्षक ”इनइक्यूटेबल आउटकम एंड लिमिटेड पीपुलस” रखा गया। एक शोध में यह देखा गया कि पुरानी प्रणाली के अंतर्गत छात्र पोस्ट-सैकेन्डरी स्कूलों तक बहुत कम पढ़ना चाहते हैं और वरिष्ठ कक्षाओं तक आते-आते उनका मन पढ़ाई से एकदम उचाट हो जाता हैं। यह सब उत्तम शिक्षा प्रणाली न होने के कारण हो रहा हैं, जिसे बदलना होगा। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि विद्यार्थियों के शिक्षा का मूल परिवर्तन कक्षा 9 और 10 में ही होना चाहिए, उस समय यदि उनकी रुचि शिक्षा में हुई तो वह सदैव ही बनी रहेगी और आगे चलकर वह अपना लक्ष्य परिपूर्ण कर सकेंगे। इसलिए हमने नई योजना के अंतर्गत तीन वर्षीय कार्यक्रम बनाया जो इन छात्रों की भी मदद करेगा और प्रांत की शिक्षा प्रणाली को भी सुधारने में मदद करेगा। इस योजना के अनुसार हम पूर्ण रुप से शिक्षा प्रणाली को नहीं बदलेंगे बल्कि उसमें उचित सुधार किया जाएगा जिससे छात्रों की रुचि के अनुसार उसमें परिवर्तन लाएं जा सके। 7 फरवरी को होने वाली बैठक के लिए 27 पृष्ठों की एक रिपोर्ट तैयार की गई हैं जिसे अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा और उसकी स्वीकृति के पश्चात ही कुछ बदलाव किए जाएंगे। इस समीक्षा के अनुसार कैनेडा के बड़े स्कूल बोर्डस इन पोलीसियों को अपनाकर अपनी शिक्षा प्रणाली में सुधार कर सकते हैं, इन बदलावों से खेल, सामाजिक आर्थिक बदलावों और कमजोरी आदि में पिछड़े हुए बच्चों को समान अवसर प्रदान किया जा सकेगा। इसके अंतर्गत केवल छात्रों पर ही अध्यापकों को भी नई प्रणाली के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। उन अध्यापकों का निष्कासन संभव होगा जो कार्य करने में अपनी सक्षमता नहीं दिखा सकेंगे। इन सबके अलावा अश्वेत छात्रों के विकास को भी गंभीरता से लिया जाएगा। मैलॉए ने आगे बताया कि इसमें अभिभावकों को भी प्रोत्साहित किया जाएगा जिससे वे भी विद्यार्थियों और अध्यापकों के मधुर संबंध को आगे बढ़ाने में उचित योगदान कर सके और नई शिक्षा प्रणाली के माध्यम से देश के भविष्य को और अधिक सुधारा जा सके।
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