ब्रैम्पटन मेयर ने की भूलवश त्रुटि : रिपोर्ट

ब्रैम्पटन। रिजन ऑफ पील इंटेग्रिटी कमीश्नर रॉबर्ट स्वायज की रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया कि ब्रैम्पटन मेयर जॉन टोरी द्वारा मतदान के दौरान दो प्रांतीय काउन्सिलरों को प्रभावित करने का आरोप कोई संगीन कृत्य नहीं हैं, यह एक भूलवश त्रुटि हैं जिसमें एक अच्छा विश्वास छुपा था।  जिसके लिए उन्होंने अपनी कानूनी फीस को मुआवजे के तौर पर दे दिया। ज्ञात हो कि ब्रैम्पटन काउन्सिलर जॉन स्प्रोवेरी ने मेयर के खिलाफ शिकायत दर्ज करते हुए गत 30 नवम्बर, 2017 को एक केस फाईल करवाया कि मेयर जैफरी ने एमसीआईए के नियमों का उल्लंघन करते हुए आर्थिक लाभ का लालच देते हुए मतदान के दौरान दो प्रांतीय काउन्सिलरों को बरगलाने का प्रयास किया। जिसके लिए स्वायज की नियुक्ति की गई और उन्होंने इस पूरे मामले की गहन जांच के पश्चात रिपोर्ट तैयार की और मेयर लिंडा जैफरी की त्रुटि को भूलवश की गई त्रुटि का अमली जामा दिया। उन्होंने कहा कि इस कार्य में किसी भी प्रकार से एमसीआईए के नियमों का उल्लंघन नहीं किया गया हैं, इस कारण से इस भूल पर कोई भी कानूनी कार्यवाही का औचित्य नहीं बनता, लेकिन भविष्य में मेयर को सतर्कता बरतनी होगी। इस रिपोर्ट के प्रकाशित होने के पश्चात काउन्लिसर जॉन स्प्रोवेरी ने कहा कि रिपोर्ट से उन्हें बेहद निराशा हुई, उन्हें न्यायपालिका पर पूर्ण विश्वास था, जो अब नहीं रहा। उनके अनुसार से मेयर ने बेहद ही संगीन कार्य किया था, जिसके लिए उन्हें पदमुक्त करना चाहिए था, परंतु ऐसा नहीं हुआ इसका उन्हें खेद रहेगा। यद्यपि स्वायज ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट किया कि पिछले वर्ष काउन्सिल सत्र समाप्त होने से पूर्व जैफरी ने इस बात का लिखित प्रमाण दिया था कि उन्होंने दो काउन्सिल को अपने मत पर विचार करने के लिए कहा था, परंतु उन्होंने यह भी स्वीकारा कि उन्हें अपना निर्णय चुनने का अधिकार हैं जिसके लिए कोई भी उन्हें बाध्य नहीं कर सकता। इस रिपोर्ट के पश्चात जैफरी ने अपने संदेश में लिखा कि उन्हें पूर्ण विश्वास था कि उन्होंने यह कार्य किसी अच्छे मकसद के लिए किया था न कि किसी प्रकार के नियम का उल्लंघन किया और वह भलीं प्रकार से जानती हैं कि उनकी ड्यूटी क्या हैं।
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