जिसको कभी समझा था आतंकी, अब वह मैदान पर रचेगा इतिहास

नई दिल्ली। किसी ने सही कहा है.. कौन कहता है आसमान में सुराख हो सकता नहीं, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों। परवेज रसूल, अगर आप क्रिकेट के दीवाने हैं तो कहीं ना कहीं, कभी ना कभी पिछले एक साल के अंदर यह नाम आपके कानों तक जरूर आया होगा। जी हां, यह वही परवेज रसूल हैं जिसे पुलिस ने कभी एक आतंकी समझ कर गिरफ्तार कर लिया था, यह वही खिलाड़ी है जो हाल ही में आइपीएल के जरिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के किसी टूर्नामेंट में खेलने वाला जम्मू कश्मीर की वादियों का पहला क्रिकेटर बना था और यह वही खिलाड़ी है जो अब सभी हालातों को पार करते हुए टीम इंडिया की नीली जर्सी पहनकर इतिहास रचने को तैयार है। जिम्बाब्वे दौरे के लिए चयनकर्ताओं ने आखिरकार परवेज को राष्ट्रीय वनडे टीम में मौका दे ही दिया।
साल 2009 में परवेज रसूल जब जम्मू कश्मीर की जूनियर टीम के लिए खेलते हुए बेंगलुरू में मौजूद थे तब कर्नाटक पुलिस ने उन्हें चिन्नास्वामी स्टेडियम के करीब हुए बम विस्फोट की जांच में संदिग्ध मानते हुए पूछताछ के लिए उठाया था। इस क्रिकेटर के लिए वह लम्हा किसी खौफनाक सपने से कम नहीं था, वह निर्दोष थे और यह साबित भी हुआ लेकिन उस हालात से निकलने के बावजूद यह कांड हमेशा के लिए उनके जहन में घर कर गया। परिवार के समर्थन के बाद आखिरकार वह वापस मैदान पर लौटे और अपनी मेहनत जारी रखी। वह जानते थे कि उनके राय से आजतक कोई क्रिकेटर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नहीं खेल पाया है और यह काम आसान भी नहीं होने वाला, लेकिन उनकी हिम्मत ने उन्हें धीरे-धीरे उस राह पर लाकर रख दिया जिसके जरिए आज वह अपने राय व करोड़ों क्रिकेट फैंस के लिए एक हीरो, एक मिसाल बनकर उभरे हैं। परवीज ने इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज से पहले अभ्यास मैच की टीम से खेलते हुए अपने प्रदर्शन से चयनकर्ताओं का ध्यान अपनी ओर खींचा और वह सुर्खियों में आ गए। इसके बाद उन्होंने पीछे मुडक़र नहीं देखा। जो सपने देखे वे एक-एक करके पूरे होने लगे। पहले आइपीएल की टीमों में उनको लेने की होड़ लगी और पुणे की टीम से जुड़े और आज जिम्बाब्वे दौरे के लिए उनका चयन भारतीय वनडे टीम के लिए भी हो ही गया। वह जम्मू-कश्मीर के पहले ऐसे क्रिकेटर होंगे जो नीली जर्सी पहनकर भारत का प्रतिनिधित्व करने मैदान पर उतरेंगे।
जाहिर है कि वादियों में सालों से जो माहौल है उसमें से निकलते हुए, फिर एक बेहद डरावने कांड से उभरते हुए जिस खिलाड़ी ने अपना करियर बुना हो उसके लिए राष्ट्रीय टीम में चुना जाना जिंदगी का सबसे खास लम्हा होगा। सिर्फ उनके लिए ही नहीं बल्कि उनकेराय में मौजूद तमाम क्रिकेट प्रशंसकों और क्रिकेट को करियर बनाने के सपने देखने वाले युवा खिलाडिय़ों के लिए भी परवेज का करियर प्रेरणा का काम करेगा।

 

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