एसएनसी-लेवलीन के पूर्व अधिकारी को केस से मुक्त किया गया 

– कोर्ट का मानना हैं कि सबूतों के अभाव में किसी भी व्यक्ति को अधिक समय तक जेल में नहीं रखा जा सकता, इसलिए पूर्व अधिकारी स्टेपहाने रॉय को केस से बरी किया गया
मॉन्ट्रीयल। वर्ष 2016 में ठगी व घूस के आरोप में गिरफ्तार किए गए एसएनसी-लेवलीन के कार्यकारी अधिकारी को बरी कर दिया गया हैं, इस केस से संबंधित न्यायाधीश ने फैसला सुनाते हुए कहा कि सबूतों के अभाव में किसी भी मुलजिम को अधिक समय तक गिरफ्तार नहीं किया जा सकता, उसके प्रति अधिक सबूूत एकत्र करने के लिए पुलिस को अतिरिक्त समय दिया गया। कोर्ट ने अपने संबोधन में आगे कहा कि इस फैसले की सुनवाई जल्द से जल्द होनी चाहिए, जिससे सालों से आपसी झगड़े में फंसे नियमों को लागू किया जा सके और भविष्य की योजनाओं को भी कार्यन्वित रुप प्रदान किया जा सके। सरकार का दावा हैं कि एक प्रमुख कैनेडाई इंजीनियरिंग कंपनी के खिलाफ मुकदमा को लेकर देश के पूर्व अटॉर्नी जनरल पर दबाव डाला था। लोगों का कहना हैं कि इस मामले की गहन जांच होनी चाहिए जिससे सभी बातें स्पस्ट हो सके। फिलहाल ठगी व रिश्वत के इस केस से रॉय को पूर्णत: बरी कर दिया गया हैं। जिन्हें भी एक सप्ताह के अंदर छुट्टी मिलने की आशा जताई जा रही हैं। कोर्ट ने अपना एक पुराना फैसला दोहराते हुए बताया कि सबूतों के अभाव में आरोपी को अधिक समय तक गिरफ्तार नहीं किया जा सकता और उसे छोड़ देना ही उचित कानून हैं, इसी को अग्रिम रखते हुए यह फैसला सुनाया गया। आरसीएमपी ने अपनी रिपोर्ट में भी बताया कि रॉय के गलत कार्यों पर पर्दा डालने के लिए एक और संस्था खोली गई जिससे इस मामले को दबाया जा सके, परंतु अधिकंश स्थानों में इसे वो सफलता नहीं किल सकी जिसकी कल्पना की गई थी और कंपनी के अधिकांश अधिकारी पकड़े गए, परंतु अब वर्ष-दर-वर्ष इसमें देरी होने के कारण आरोपी को छोड़ना पड़ा।
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