प्रांतीय बजट में पील के लिए 45.1 मिलीयन डॉलर की कटौती का प्रस्ताव

ब्रैम्पटन। पील प्रांत को इस बार भारी वित्तीय कटौती का सामना करना पड़ेगा, जिसके अंतर्गत अगले दो वर्षों के लिए पारित बजट में लगभग 45.1 मिलीयन डॉलर की कटौती होगी। जिसके कारण योजनाओं को पूरा करना एक बड़ी चुनौती होगा। प्रांतीय व्यापार व आर्थिक योजना के निदेशक नॉर्म्स लम ने माना कि इससे प्रत्येक वर्ष करदाताओं पर 68 डॉलर अतिरिक्त का भार बढ़ जाएगा और योजनाओं की पूर्ति में भी भारी कठिनाईयों का सामना करना पड़ सकता हैं। ज्ञात हो कि गत 9 मई को आयोजित एक बैठक में लम ने कहा कि यह बहुत ही चुनौती पूर्ण समय हैं जब हमें योजनाओं को अत्यधिक सीमित राशि में पूर्ण करना होगा और उसे सुचारु रुप से कार्यन्वित भी करना होगा। सरकारी योजनाओं को सीमित फंड के साथ 100 प्रतिशत रुप से पूर्ण करना एक कठिन चुनौती हैं, जिसके लिए अत्यंत प्रभावशाली योजनाएं ही कारगर होगी अन्यथा वित्तीय कमी के कारण ये योजनाएं अधूरी रह जाएंगी और इसे पूर्ण करने के लिए और अधिक धन की मार झेलनी पड़ेगी और इसके अलावा लोगों की भी अवहेलना झेलनी पड़ेगी। जिससे सरकार की छवि लोगों की नजरों में और अधिक गिर जाएंगी। ज्ञात हो कि सरकार की कॉस्ट शेयरींग योजना में 75 प्रतिशत की योग्य लागत योजना में 70 प्रतिशत का खर्च सरकार वहन करेगी और अन्य लागतों को कार्य के पूर्ण होने पर भुगतान किया जाएगा, जिसे निर्माण कंपनी द्वारा स्वयं वहन किया जाना होगा, तभी शहरी योजनाओं में इतनी तीव्रता दर्शाई जा रही हैं। जिससे सरकार द्वारा अधिक से अधिक योजनाएं प्रारंभ की जा सके। सरकार द्वारा कटौती योजनाओं की नीति कितनी सफल होगी यह तो समय ही बता सकेंगा। फिलहाल सरकार का दावा हैं कि उनके द्वारा आरंभ की गइ कटौती योजनाओं का मुख्य लक्ष्य लोगों के ऊपर से अधिभार की कमी करना और उन्हें करों से बचाना हैं, ज्ञात हो कि सरकार कई ऐसी योजनाओं में अपना 100 प्रतिशत अनुदान दे रहें हैं, जिससे लोगों की अधिकतता और अधिक फैलें। मेयर पैट्रीक ब्राउन ने बताया कि इस प्रकार की कटौती योजनाओं को अभी तक सभी ने स्वीकार नहीं किया हैं और सार्वजनिक परामर्श की अपील की हैं, जिसके पश्चात ही किसी भी योजना मे कटौती को स्वीकार किया जाएगा। सरकार ने इन कटौतियों को बाल कल्याण योजनाओं, निर्माण योजनाओं व संगीत संबंधी कार्यक्रमों और परिवहन में भी कार्यन्वित करने की योजना हैं। परंतु भारी विरोध के पश्चात अभी फिलहाल इसे लंबित रखा गया हैं और जल्द ही सार्वजनिक परामर्श के पश्चात इसे पारित किया जाएगा। इन कटौतियों के अलावा सरकार कुछ योजनाओं में 100 प्रतिशत अनुदान भी देगी जिससे सभी योजनाओं का विकास समान रुप से हो सके।

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