एड्स, टीबी, मलेरिया से लड़ने के लिए कैनेडा को बढ़ाने होंगे फंड : ग्लोबल समुदाय

औटवा। अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्था ने कैनेडा की लिबरल सरकार से अपील करते हुए कहा कि उन्हें अपना चुनावी वादा पूरा करना चाहिए जैसा कि उन्होंने गत आम चुनावों में कहा था कि देश में उत्कृष्ट स्वास्थ्य के लिए कुछ महामारियों पर तुरंत ही नियंत्रण प्राप्त किया जाएगा। लेकिन इतने वर्ष बीत जाने के पश्चात भी सरकार ने इस ओर अधिक ध्यान नहीं दिया और इन बीमारियों के नियंत्रण हेतु उचित फंड भी नहीं उपलब्ध करवा सकी जिसके कारण स्थिति और अधिक बदत्तर हो गई है।
ज्ञात हो कि वर्ष 2016 में ट्रुडो सरकार ने बहुत ही धूमधाम से सरकारी 804 मिलीयन डॉलर की घोषणा की थी और वादा किया था कि इस राशि को अगले कुछ वर्षों में अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठन में खर्च करेगा, परंतु ऐसा कुछ नहीं हो पाया जिसके कारण इन संस्थाओं ने कैनेडा के प्रति उदासीनता को लेकर चिंता जाहिर की हैं। इन संस्थाओं ने यह भी कहा कि कैनेडा को 24 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी ही इन तीन महामारियों से छुटकारा दिलवा  सकेगी और कैनेडा को पूर्णत: इन रोगों से मुक्ति दिलवा सकेगी।
संस्था ने यह भी माना कि केंद्र की सरकार को प्रत्येक तीन वर्षों में अपने फंड में ईजाफा करना चाहिए अन्यथा एकाग्र चित होने के लिए उस देश की स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रतिकूल असर होगा। गौरतलब है कि पिछली कंजरवेटिव सरकार ने भी इसके प्रति कोई अधिक दिलचस्पी नहीं दिखाई जिसके कारण यह समस्या और अधिक बढ़ गई। संस्था ने यह भी कहा कि वर्ष 2016 के पश्चात से इन बिमारियों के नियंत्रण के लिए फंडस में कोई भी बढ़ोत्तरी नहीं की गई जिसके कारण इनके नियंत्रण हेतु कोई कारगर कदम नहीं उठाया जा सका। केंद्र सरकार ने बढ़ोत्तरी को नहीं बढ़ाने का कारण नकदी की कमी को बताया और कहा कि इस वर्ष सरकार ने ग्लोबल फंडस में 15 प्रतिशत तक की वृद्धि का लक्ष्य रखा हैं जिसके लिए वे 14 बिलीयन अमेरिकी डॉलर देने के अपने वादे को जल्द ही पूरा करेगी। इसी प्रयोजन के अंतर्गत सरकार ने वैनकुअर में आयोजित वूमेन डेलीवर कॉन्फ्रेन्स में 1.4 बिलीयन डॉलर के आर्थिक मदद की घोषणा की हैं जिससे मातृत्व संबंधी महिलाओं की मदद की जा सके और वे अपने प्रसव संबंधी सभी समस्याओं का निपटान आसानी से और सुरक्षा के साथ कर सके।
ब्रिटीश कोलम्बिया सेंटर की निदेशक डॉ. जूलियो मॉन्टेनर ने कहा कि इस ओर दुनिया के कई अन्य देश भी आगे आएं हैं और सभी मिलकर दुनिया से एचआईवी/एड्स को नियंत्रण करने की कवायद में लगे हुए हैं। उन्होंने सरकार को यह भी कहा कि उन्हें अपने पिछले चुनावों से पहले किए सभी वादों को पूरा करना चाहिए, जिससे विश्व में उनकी छवि सुधरे और देश में भी स्वास्थ्य समस्याओं के निपटान हेतु आधुनिक सुविधाएं मिल सके। उन्होंने यह भी माना कि प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री पर देश के संतुलित बजट बनाने का भार होता हैं परंतु कुशल नेता वहीं होता हैं जो सभी प्रकार की बातों पर नियंत्रण करते हुए उन्हें हल करें।

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