अमेरिका से समझौते पर अफगान संसद की मुहर

काबुल। अफगानिस्तान की संसद ने काबुल और वाशिंगटन के बीच हुए द्विपक्षीय सुरक्षा समझौते को मंजूरी दे दी है। समझौते के तहत साल की समाप्ति के बाद भी नाटो सैनिकों को देश में रहने की इजाजत होगी।

एक विशेष सत्र में रविवार को संसद ने नाटो के साथ एक अलग सैन्य समझौते को भी मंजूरी दी। 2001 में अमेरिका के नेतृत्व में तालिबान शासन खत्म करने के बाद यहां अंतरराष्ट्रीय अभियान शुरू हुआ था। यह अभियान 2014 की समाप्ति के साथ ही पूरा हो जाएगा। नए समझौतों के पारित होने के बाद अगले साल अफगानिस्तान में अमेरिका और नाटो को कुल 12 हजार सैनिकों को रखने की अनुमति होगी। ये सैनिक स्थानीय बलों की सहायता करेंगे।

इन समझौतों पर मुहर अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की ओर से नए दिशा-निर्देशों को मंजूरी दिए जाने के बाद लगाई गई। नए दिशा निर्देशों में एक और साल अमेरिकी सैनिकों को न केवल अलकायदा बल्कि तालिबान लड़ाकों से भी मुकाबले की अनुमति दी गई है। ओबामा के फैसले का एक पहलू यह भी है कि जरूरत पड़ने पर अमेरिका हवाई मदद भी कर सकता है।

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