सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता पाक को स्वीकार्य नहीं
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा से दो टूक कहा है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता उनके देश को मंजूर नहीं है। पाकिस्तान का कहना है कि भारत ने कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का पालन नहीं किया है।
हालांकि ओबामा से शरीफ की इस बातचीत पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सय्यद अकबरुद्दीन ने कहा कि भारत की स्थाई सदस्यता पर हरेक देश को अपने विचार रखने का हक है। इस मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र महासभा में विचार हो रहा है इसलिए इस पर किसी भी देश को कोई वीटो पावर नहीं मिला है।
इस्लामाबाद में अधिकारियों ने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा ने गुरुवार रात शरीफ को फोन किया और दोनों नेताओं ने आपसी हितों व क्षेत्रीय स्थिरता एवं शांति से जुड़े मुद्दों पर आधे घंटे से अधिक समय तक चर्चा की। इस दौरान शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिए भारत की दावेदारी को अमेरिका के समर्थन पर आपत्ति जताई। शरीफ ने ओबामा से कहा कि भारत ने कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा पारित प्रस्तावों का पालन नहीं किया है। कश्मीर के लोगों को आत्म निर्णय का अधिकार देने की प्रतिबद्धता पूरी नहीं की है। इसलिए वह सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य नहीं बन सकता है।
चीन ने किया समर्थन
बीजिंग। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का चीन ने समर्थन किया है। उसने कहा है कि वह सुरक्षा परिषद में भारत और ब्राजील की बड़ी भूमिका निभाने की आकांक्षाओं का सम्मान करता है। हालांकि परिषद में सुधार के लिए बीजिंग ‘कूटनीतिक माध्यम से व्यापक सहमति’ के पक्ष में है। जापान की दावेदारी पर टिप्पणी से को लेकर उन्होंने टिप्पणी से चीनी प्रवक्ता ने इंकार कर दिया। गौरतलब है कि जर्मनी और जापान भी परिषद में स्थायी सदस्यता चाहते हैं।
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