एमआइएम ने औरंगाबाद में कांग्रेस-राकांपा की जमीन छीनी
मुंबई । गत वर्ष महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में दो सीटें जीतने वाली मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (एमआइएम) ने औरंगाबाद महानगरपालिका चुनाव में 25 सीटें जीतकर कांग्रेस-राकांपा की जमीन खिसका दी है। हालांकि सूबे की चार महानगरपालिकाओं के लिए हुए चुनावों में तीन में शिवसेना-भाजपा का पलड़ा भारी रहा है। औरंगाबाद महानगरपालिका की 113 सीटों में कांग्रेस को 10 और राकांपा को मात्र तीन सीटों से संतोष करना पड़ा है, जबकि शिवसेना-भाजपा गठबंधन 51 सीटें जीतकर सत्ता हासिल करने में कामयाब रहा।दरअसल, एमआइएम के बढ़ते कद से कांग्रेस-राकांपा की चिंता इसलिए बढ़ गई है, क्योंकि निकट भविष्य में कई मुस्लिम बहुल नगरों में स्थानीय निकाय चुनाव होने हैं। चुनाव परिणाम के बाद एमआइएम विधायक इम्तियाज जलील ने कहा कि उनकी पार्टी महानगरपालिका में सशक्त विपक्षी की भूमिका निभाएगी। विधायक का मानना है कि लोग झूठे वादे करने वाली पार्टियों और नेताओं से ऊब चुके हैं। वे विकास चाहते हैं, इसलिए उन्होंने एमआइएम को बड़ा समर्थन दिया है। कांग्रेस-राकांपा पर परोक्ष हमला करते हुए उन्होंने कहा कि लोगों की ताकत पैसे की ताकत से ज्यादा होती है। बता दें कि एमआइएम की महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय चुनावों में यह पहली सफलता नहीं है। उसने 2012 में हुए नांदेड़ नगरपालिका चुनावों में 81 में 11 सीटें जीतकर सूबे में पहली बार धमाकेदार उपस्थिति दर्ज कराई थी। अब उसका लक्ष्य राज्य के कई और मुस्लिम बहुल नगरों के स्थानीय निकाय व मुंबई महानगरपालिका के चुनाव हैं। विधानसभा में हैं सिर्फ दो सीटें विधानसभा चुनाव में एमआइएम ने दो सीटें (औरंगाबाद मध्य और मुंबई की भायखला) जीती थीं। औरंगाबाद मध्य से एमआइएम के इम्तियाज जलील चुने गए थे। उन्होंने शिवसेना के प्रदीप जायसवाल को हराया था। भायखला से यूसुफ वारिस पठान जीते थे। उन्होंने भाजपा के वरिष्ठ नेता मधु चह्वाण को हराया था।
Comments are closed.