आप ने किया पाप, गजेंद्र के परिजनों ने केजरीवाल को ठहराया दोषी
जयपुर, दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) की रैली में बुधवार को पेड़ पर चढ़कर फांसी लगाने वाले राजस्थान के किसान गजेंद्र सिंह के परिजनों ने आप संयोजक व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पूरी तरह से घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि इतना सब कुछ होने के बावजूद भी रैली चलती रही।
भाई बिजेंद्र सिंह ने दावा किया कि गजेंद्र आप नेता मनीष सिसोदिया के बुलावे पर दिल्ली रैली में शामिल होने गया था पर यह नहीं पता कि उन्होंने खुद सिसोदिया को फोन किया था या उन्हें फोन आया था। बहन रेखा ने सुसाइड नोट पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसकी हैंडराइटिंग गजेंद्र की नहीं है। पिता बनै सिंह ने पूरे मामले की जांच सीबीआइ से कराने की मांग की है। वहीं, किसान के बहनोई सुरेंद्र सिंह का कहना है कि गजेंद्र मजबूत इरादों वाला शख्स था। वह फसल को पहुंचे नुकसान के कारण परेशान था। ऐसा लगता है कि किसी ने उसे रैली में उकसाया था।
शव देखते ही पिता बेहोश
दौसा जिले के गांव नांगल झामरवाड़ा निवासी गजेंद्र के परिवार में शादी होने के कारण पिता बनै सिंह और घर की महिलाओं को घटना की जानकारी नहीं दी गई थी। मीडिया और अन्य लोगों को भी गांव के बाहर रोक लिया गया था। गुरुवार सुबह गजेंद्र की भतीजी की विदाई के बाद उसका शव गांव लाया गया। शव देखते ही पिता बेहोश होकर गिर गए। परिवार की महिलाओं को संभालना मुश्किल हो गया। पूरे गांव में मातम का माहौल पसर गया।
अंतिम संस्कार में उमड़ी भीड़
सैकड़ों लोगों की भीड़ के बीच गजेंद्र का अंतिम संस्कार कर दिया गया। राजस्थान के सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री अरुण चतुर्वेदी, पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट भी गजेंद्र को श्रद्धांजलि देने पहुंचे।
पुलिस ने थाने में नहीं रखने दिया शव
गजेंद्र के शव को लेकर परिजनों को दिल्ली-जयपुर हाइवे के किनारे रात बितानी पड़ी क्योंकि डिप्टी एसपी ने शव थाने में नहीं रखने दिया। घर में शादी की वजह से परिजन नहीं चाहते थे कि शव रात में गांव ले जाकर माहौल को गमगीन किया जाए। ऐसे में उन्होंने गांव से 20 किलोमीटर दूर बसवा थाने में शव रखवाने के लिए डिप्टी एसपी प्रकाश चंद्र से गुजारिश की, लेकिन अनुमति नहीं मिली।
19 लाख की आर्थिक मदद
-दिल्ली की आप सरकार ने दस लाख रुपये दिए
-उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से पांच लाख
-राजस्थान सरकार का चार लाख देने का एलान
मुआवजे की श्रेणी में नहीं नुकसान
दौसा प्रशासन का कहना है कि किसान गजेंद्र की फसलों को जो नुकसान हुआ, नियमानुसार वह मुआवजे की श्रेणी में नहीं आता है। अतिरिक्त जिला कलेक्टर केसी शर्मा ने बताया कि किसान के पिता के नाम 24 हेक्टेयर जमीन है और इस पर गजेंद्र ने गेहूं और सरसों की खेती की थी। बारिश से गेहूं की 22 और सरसों की 26 फीसद फसल खराब हुई थी, जबकि नियमानुसार 33 फीसद से अधिक नुकसान वालों को ही मुआवजा दिया जा सकता है।
अब पांच बिंदुओं पर जांच
-गजेंद्र को दिल्ली किसने बुलाया।
-दिल्ली आकर वह कहां रुका।
-रैली के आयोजकों से कब मिला।
-गजेंद्र के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल निकालेंगे।
-31 न्यूज चैनलों से फुटेज मांगे गए।
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