महाराष्ट्र में ओवैसी भाई खेल रहे कम्यूनल कार्डः शिवसेना
मुंबई। महाराष्ट्र में ओवैसी बंधु की पार्टी की घुसपैठ और चुनावों में उसके अच्छे प्रदर्शन से शिवसेना तिलमिला गई है। औरंगाबाद महानगर पालिका चुनाव में एआइएमआइएम के अच्छे प्रदर्शन के बाद शिवसेना ने असदुद्दीन औवैसी की पार्टी पर एक बार फिर से जम कर हमला बोला है।
इस बारे में शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखा है कि इन चुनावों में भगवा जरूर लहराया, लेकिन एआइएमआइएम की फड़फड़ाहट आने वालों में दिनों में खतरे के संकेत हैं। इस चुनाव में एमआइएम को मुस्लिमों के साथ दलितों का भी सर्मथन मिला यह अंबेडकर आंदोलन और हिंदुओं के लिए खतरे की बात है।
लेख में एमआइएम को लेकर शिवसेना ने कई आशंकाएं जताई है। पार्टी के मुताबिक एमआइएम को औरंगबाद के मुसलमानों से जो ताकत मिली है यह चिंताजनक बात है। धर्म के नारे के बाद हुए मुसलमानों का वोट बैंक धर्म के नाम पर एक हो गया। मुस्लिम वोटों के साथ दलित वोटों को फोड़ने की गंदी राजनीति करने की साजिश एमआइएम ने रची।
कई दलित उम्मीदवार इस पार्टी के टिकट पर चुनकर भी आए हैं। यदि इसी तरह सहानुभूति दिखता रहा तो सामाजिक एकता ही नहीं, बल्कि अंबेडकर आंदोलन के लिए भी ये खतरे की घंटी साबित हो सकती है। एमआइएम जैसे जहरीले संगठन के 25 उम्मीदवार चुनकर आए यह निश्चित ही अच्छे लक्षण नहीं हैं। महाराष्ट्र में एमआइएम जैसे धर्मांध दल इस्लाम के बैनर तले मुसलमान वोटों का ध्रुवीकरण कर रहे हैं। ऐसे में हिंदुओं को इस चुनाव नतीजों को आंख खोलकर देखना पड़ेगा।
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