आसियान से सहयोग बढ़ाने का इच्छुक भारत
जकार्ता । भारत ने गुरुवार को पारंपरिक और गैर पारंपरिक सुरक्षा संबंधी चुनौतियों से सामूहिक रूप से निपटने के लिए आसियान देशों के साथ सहयोग बढ़ाने की इच्छा जाहिर की है। भारत ने दस सदस्यीय संगठन के लिए एक समर्पित मिशन की औपचारिक शुरुआत की है। मिशन का शुभारंभ करते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि भारत ने ज्यादा सक्रिय भूमिका निभाने के लिए अपने क्षेत्रीय मित्रों की उम्मीदों को पूरा करने का संकल्प लिया है। इस कार्यक्रम में आसियान के महासचिव ली लुयांग मिन्ह और महानिदेशक आइ गस्टी अगुआंग वेसाका पूजा भी शामिल हुए। सुषमा ने कहा कि समर्पित मिशन आसियान के साथ अपना संवाद बढ़ाने की भारत की गंभीर प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है। उन्होंने कहा, ‘हमारे अधिकारी आसियान-भारत सहयोग को मजबूत करने के लिए आगामी पांच साल की अवधि 2016-21 के लिए कार्य योजना का मसौदा तैयार करने में जुटे हैं।’ स्वराज इन दिनों इंडोनेशिया के पांच दिवसीय दौरे पर हैं। स्वराज ने की सुकर्णोपुत्री से मुलाकात विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इंडोनेशिया की पूर्व राष्ट्रपति मेघावती सुकर्णोपुत्री से मुलाकात की। वह देश के प्रथम राष्ट्रपति सुकर्णो की पुत्री हैं। इस दौरान उन्होंने स्वराज को अपने नाम की कहानी सुनाई। सुकर्णोपुत्री ने बताया कि ओडिसा के पूर्व मुख्यमंत्री बीजू पटनायक ने किस तरह उन्हें मेघावती नाम दिया। उन्होंने बताया कि जब उनका जन्म हुआ था तब पटनायक उनके पिता सुकर्णो से मिलने इंडोनेशिया आए थे। उस समय भारी बारिश हो रही थी। इसलिए पटनायक ने मेघावती (बादलों की बेटी) नाम रखने की सलाह दी। इस दौरान स्वराज और सुकर्णोपुत्री ने दोनों देशों के बीच संबंधों को प्रगाढ़ करने के प्रयासों पर भी चर्चा की।
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