मनोहर पर्रिकर से मिले अमेरिकी रक्षा मंत्री कार्टर, रक्षा सहयोग पर लगेगी मुहर

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नई दिल्ली। अमेरिकी रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर तीन दिवसीय दौरे पर मंगलवार को भारत पहुंचे। वे विशाखापतन होते हुए दिल्ली आए। इस दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच आज एक उच्चस्तरीय रक्षा प्रारूप समझौते पर हस्ताक्षर होने वाला है। जिसे लेकर वे रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर से मिलेंगे। दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग का रिश्ता पहली बार दस वर्षों के लिये 2005 में सम्पन्न हुआ था। अब इसकी अवधि को दस साल और बढाने पर दोनों देश सहमत हुए हैं।10 वर्षो का यह समझौता रक्षा क्षेत्र में द्विपक्षीय संबंधों को नई गति देगा।
शिष्टमंडल स्तर की होगी बैठक
नया समझौता दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को नया आयाम देगा। बुधवार शाम को मनोहर पार्रिकर के साथ शिष्टमंडल स्तर की बातचीत के पहले एशटन कार्टर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी मिलेंगे। वे आपसी सहयोग के मसलों और क्षेत्रीय सुरक्षा माहौल पर बातचीत करेंगे।
समझा जाता है कि इन ‌उच्चस्तरीय बैठकों में दक्षिण चीन सागर में चीन की ओर से अपनाए गए आक्रामक रुख पर भी चर्च होगी। एशटन कार्टर अमेरिकी रक्षा मुख्यालय में डिप्टी सेक्रेटरी भी रह चुके हैं। इस दौरान उन्होंने भारत के साथ रक्षा तकनीक एवं व्यापार पहल (डीटीटीआई) का समझौता भी किया था। 2020 तक अमेरिकी नेवी का प्रशांत महासागर में अपना 60 फीसदी संसाधन उतारने का प्लान है। कार्टर के साथ उनकी पत्नी और प्रतिनिधि मंडल के 13 सदस्य हैं।
पहले विशाखापत्तनम पहुंचे थे कार्टर
कार्टर मंगलवार को विशाखापत्तनम पहुंचे, जहां उन्होंने पूर्वी नौसेना कमान का दौरा किया। इस कमान पर दक्षिण चीन सागर क्षेत्र और स्ट्रेट ऑफ मलैका में भारतीय उपस्थिति को बनाए रखने की जिम्मेदारी है। अमेरिकी दूतावास की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि पूर्वी नौसेना कमान का दौरा समुद्री सुरक्षा के प्रति बचनबद्धता जाहिर करता है। यह रक्षा समझौते का एक प्रमुख अवयव है। अमेरिकी दूतावास ने बयान में कहा है, “कार्टर का भारत दौरा एशिया को फिर से संतुलित करने की अमेरिकी नीति पर उनके विशेष ध्यान देने का हिस्सा है। खासतौर से विशाखापत्तनम का उनका दौरा समुद्री सुरक्षा और एक क्षेत्रीय सुरक्षा खाके की आवश्यकता के प्रति उनकी बचनबद्धता को स्पष्ट करता है, जो क्षेत्रीय साझेदारों के बीच पारदर्शिता और विश्वास पैदा करता है।”

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