बांग्लादेश समझौते की नींव कांग्रेस ने डाली थी, मोदी कर रहे हैं राजनीति
नई दिल्ली । भारत और बांग्लादेश के बीच हुए ऐतिहासिक सीमा समझौते पर कांग्रेस ने मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया है। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा का कहना है कि इस समझौते की सहमति 7 सितंबर 2011 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना के बीच हुई थी। शर्मा ने कहा कि हम खुश हैं कि जो समझौते पहले से ही हुए थे पीएम मोदी उन्हें आगे ले जा रहे हैं।
कांग्रेस नेता ने पीएम की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह राजनीतिक दृष्टि से सही व इमानदार नहीं है। वह दलगत राजनीति में व्यस्त हैं। इस समझौते का श्रेय देश को जाता है न कि सरकार को। उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया। असम, त्रिपुरा व मेघालय के मुख्यमंत्रियों की अहम भूमिका रही है। लेकिन उनका नाम नहीं लिया जाना उनकी संकीर्ण मानसिकता दिखाता है। साथ ही शर्मा ने कहा कि मोदी के भाषण में इंदिरा गांधी की भूमिका व त्याग का जिक्र न किया जाना सही नहीं है।
उन्होंने इंदिरा गांधी की भूमिका का जिक्र करते हुए कहा कि ये इंदिरा गांधी थीं जिन्होंने बांग्लादेश की मदद की। गांधी ने बंगबंधु मुजीबुर्र रहमान जो जेल में बंद थे उनकी मदद की और बांगेलादेश की आजादी के आंदोलन में सहायता की। पूर्वी पाकिस्तान में दमन के खिलाफ इंदिरा गांधी बांग्लादेश के साथ खड़ी रहीं।
कांग्रेस नेता ने मोदी की आलोचना करते हुए कहा कि उनमें एक अच्छे राजनेता के गुण नहीं हैं। उन्होंने पीएम मोदी के उस बयान की निंदा की जिसमें उन्होंने कहा था कि, बांग्लेदशी पीएम महिला होते हुए भी आंतंकवाद के खिलाफ डटकर खड़ी हुई हैं। शर्मा ने कहा कि वे दिखाना चाहते थे कि महिलाएं कमजोर होती हैं।
Comments are closed.