बदले गए दिल्ली एसीबी के मुखिया, तीखी होगी जंग
नई दिल्ली। उपराज्यपाल नजीब जंग ने दिल्ली की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) के मुखिया को बदल दिया है। दिल्ली पुलिस के संयुक्त आयुक्त मुकेश कुमार मीणा को इस सरकारी जांच एजेंसी की कमान सौंपी गई है। अब तक अतिरिक्त आयुक्त एसएस यादव एसीबी का नेतृत्व कर रहे थे। वे अब मीणा को रिपोर्ट करेंगे। दिल्ली पुलिस के सात इंस्पेक्टर भी एसीबी में तैनात कर दिए गए हैं। एसीबी में हुए इस ताजा बदलाव के बाद उपराज्यपाल जंग और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच जारी टकराव में और इजाफा होने की आशंका है। एसीबी केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच टकराव की एक बड़ी वजह बनी हुई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पिछले महीने जारी अपनी बेहद चर्चित अधिसूचना में यह कहा था कि एसीबी केंद्र सरकार के अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ जांच नहीं करेगी, लेकिन एसीबी ने दिल्ली पुलिस के हवलदार को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। यह मामला अदालत में है। एसीबी पर अधिकार को लेकर भी टकराव हुआ है। इस जांच एजेंसी में दिल्ली सरकार द्वारा बिहार के पांच अधिकारियों को नियुक्त करने को लेकर भी टकराव हुआ। उपराज्यपाल ने कहा कि दिल्ली पुलिस का एक थाना होने के नाते एसीबी उसके अधीन है, जबकि बगैर उनकी जानकारी के अधिकारियों की नियुक्ति की जा रही है। सूत्रों का कहना है कि दिल्ली सरकार उपराज्यपाल द्वारा संयुक्त पुलिस आयुक्त को एसीबी का मुखिया बनाने के फैसले को चुनौती दे सकती है। इसके पीछे दलील यह दी जा रही है कि एसीबी में संयुक्त आयुक्त स्तर के अधिकारी का कोई पद ही नहीं है। टकराव की ताजा वजह सीएनजी किट घोटाला उपराज्यपाल नजीब जंग और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच चल रही सियासी तकरार की ताजा वजह सीएनजी-किट घोटाले की जांच की तैयारी को माना जा रहा है। सूबे की सरकार इस जांच के बहाने जंग को घेरने की कवायद में जुटी है तो जंग भी जवाबी हमले का मौका नहीं चूक रहे। उच्चपदस्थ सूत्रों की मानें तो दिल्ली सरकार यह संदेश देना चाहती है कि वह शीला दीक्षित सरकार के जमाने में हुए 100 करोड़ रुपये के सीएनजी किट घोटाले की जांच कराना चाहती है जबकि उपराज्यपाल इसकी राह में रोड़े अटका रहे हैं।
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