रिजर्व बैंक घटा सकता है ब्याज दरें: विशेषज्ञ
नई दिल्ली,19 मई 2013 – मुद्रास्फीति में उल्लेखनीय गिरावट के मद्देनजर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) 17 जून को जारी होने वाली मौद्रिक समीक्षा में ब्याज दरों में और कटौती कर सकता है। यह बात वैश्विक निवेश बैंकिंग क्षेत्र की प्रमुख कंपनियों ने कही। थोकमूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अप्रैल में घटकर 41 महीने के न्यूनतम स्तर 4.89 प्रतिशत पर आ गई जो केंद्रीय बैंक के पांच प्रतिशत से नीचे के संतोषजनक स्तर पर है जिससे बाजार को आर्थिक नीति और उदार बनाए जाने की उम्मीद है ताकि नरम आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहित किया जा सके। बार्कले ने एक अनुसंधान रिपोर्ट में कहा कि हमारा मानना है कि थोकमूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति का आंकड़ा रिजर्व बैंक को 17 जून को होने वाली नीतिगत समीक्षा में ब्याज दरों में कटौती की पर्याप्त गुंजाइश प्रदान करता है। हमें उम्मीद है कि 2013 के मध्य तक रेपो दर घटकर 7 प्रतिशत पर (और 0.25 प्रतिशत की कटौती) आ जाएगी। हमारा मानना है कि 2013 की दूसरी छमाही में ब्याज दरों में और कटौती होगी और इसे 6.50 फीसदी के स्तर पर लाया जाएगा।
केंद्रीय बैंक 17 जून को मौद्रिक नीति की मध्य तिमाही समीक्षा की घोषणा करेगा। एचएसबीसी के मुख्य अर्थशास्त्री (भारत और आसियान) लीफ लायबेकर एस्केसेन के मुताबिक, मुद्रास्फीति के आंकड़ों में स्पष्ट रूप से सुधार हो रहा है जिससे गुंजाइश बढ़ गई है कि रिजर्व बैंक ब्याज दरों में और कटौती करेगा। इसी तरह का विचार व्यक्त करते हुए मॉर्गन स्टेनली ने एक रिपोर्ट में कहा कि हमें वित्त वर्ष 2013-14 के अंत तक ब्याज दरों में और 0.25 से 0.50 प्रतिशत की कटौती की उम्मीद है और बाजार केंद्रित ब्याज दर में एक प्रतिशत की कमी आएगी।
बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच ने कहा कि हमने अप्रैल में सकल मुद्रास्फीति के घटकर 4.9 प्रतिशत पर आने के मद्देनजर 17 जून को ब्याज दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती के अलावा जुलाई में भी इतनी कटौती का अनुमान जाहिर किया है। इस बीच, रिजर्व बैंक ने कहा है कि वह अगले महीने होने वाली मौद्रिक समीक्षा में महंगाई में आई गिरावट पर ध्यान देगा।
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