अंर्टाकटिका पर फहराया संघ का भगवा ध्वज
टोरंटो,30 मई 2013 – राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के कार्य का विस्तार देश में ही नहीं विदेश में भी बढ रहा है। यहां तक कि पहली बार अंटाकर्टिका में भी संघ का ध्वज लहरा कर स्वंयसेवक ने प्रार्थना की है। मुश्किल भरे अंर्टाकटिका जैसे स्थान पर भी भगवा ध्वज लहराये जाने से संघ यह मान रहा है कि उन लोगों का मुंह बंद करने के लिये यह काफी है कि संघ कार्य शिथिल पड रहा है।
राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के स्वंयसेवक ने अंर्टाकटिका पर जाकर संघ का भगवा ध्व लगाकर प्रार्थना कर यह जता दिया कि मन में पक्का इरादा हो तो क्या नहीं हो सकता है। संघ र्क कार्यकताओं ने जब यह जाना कि प्रतिकूल परिस्थति में अंटार्कटिका में जहां टिकना मुशिकल रहता है वहां पंहुच कर अगर शाखा लगाने का ईरादा कोई करता है तो यह संघ के जबे का प्रमाण तो है। स्वंयसेवक मुम्बई के चार्टर एकाउंटेट राजेश ओशर है जो अभी हाल में अंर्टाकटिका पर गये और वहां अपने मन की इछा शक्ति दिखायी। पेशे से र्चार्टर एकाउंटेट ओशर के मन में यह था कि कभी भी जब साउथ पोल जाऊ तो वहां संघ की शाखा लगाऊ।संघ की शाखा लगाने के लिये वह वाकयादा अपने साथ संघ का भगवा ध्वज साथ ले गये।ओशर ने संघ के ध्वज के लिये पोल का इंतजाम किया और उस निर्जन स्थान पर कोइ नहीं था तो अकले ही संघ की प्र्राथना की।संघ के बारे में यह कहा जाता है कि संघ भगवा ध्वज को ही गुरू मानता है और उसके सामने साक्षी मानकर की गयी प्रार्थना को शाखा के तौर पर अंगीकार किया जाता है।
संघ के अधिकारियों का कहना है कि संघ के कार्यका विस्तार सभी जगह है यहां तक कि विश्व में भी तेजी से फैल रहा है। देश में कम हो रही शाखा के बारे में अधिकारियों का कहना है कि अभी संघ की प्रतिनिधि सभा में जो कार्य विस्तार का प्रतिवेदन आया है उसमें काफी अछी रिपोर्ट है। विश्वभर में चल रहे संघ कार्य का विस्तार तेगी से हुृआ है। संघ के विश्वकार्य से जुडे एक अधिकारी ने बताया कि 205 में हमारा यूके में मिलना हुृआ तो 32 देशों के प्रतिनिधि थे। अभी 29दिसम्बर से 3 जनवरी 211में पांचवा विश्व संघ शिविर पूणे में लगा तो पता चला कि संघ के कार्यका विस्तार अब केवल भारत तक सीमित नहीं है बल्कि 32 देशों में फैल चुका है। इस शिविर में पहली बार विदेश में जाकर शाखा का कार्य करने वाले जगदीश शास्ती भी मौजूद रहे। संघ के सरसंघ चालक मोहन राव भागवत ने भी संघ की विश्व उप्िथति पर खुशी जतायी। यूएसएन,कैनेडा,कैरेवियनदेश,हांगकागा$यूके,स्वीडन,जर्मनी,फ्रांस,डेनमार्क,फिनलेंड,केन्या,नारवे,उगांडा,वोस्टवाना,मारीशस,श्रीलंका,नेपाल, आस्ट्रेलिया,न्यूजीलेड से स्वंयसेवक आये थे। पहली बार 517 स्वयसेवक इस शिविर में आये जिसमें 122 स्यवसेविका,35 बचे भी थे। वहां बताया गया कि 32 देशों में शाखा चल रही है और नियमित एकत्रकीकरण भी समकयसमय पर होते हैं। संघ के सहयोग से अब बल्र्ड हिंदू महिला कान्फ्रेंस मंगलूर में होने जा रही है जिसमें विदेश से महिलायें आयेंगी जिसमें नये कार्य पर चर्चा होगी।
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