जनता को जगाने का करूंगा काम: अन्ना

अल्मोड़ा । जालियांवाला बाग की मिट्टी माथे पर लगा कर शपथ ली है कि जिएंगे देश व समाज के लिए मरेंगे तो देश सेवा करते हुए। यह बात अन्ना हजारे ने कही। वह रैमजे इंटर कालेज के प्रांगण में जनसभा को संबोधित कर रहे थे। अन्ना हजारे की जनतंत्र यात्रा कौसानी से बुधवार की सुबह रवाना होकर सोमेश्वर से होते हुए अल्मोड़ा पहुंची थी। जनसभा को संबोधित करते हुए अन्ना ने कहा कि मैं एक साल पूरे देश में घूम-घूम कर 110 करोड़ जनता को जगाने का काम करूंगा। छह करोड़ लोगों को संबोधित करूंगा। रामलीला मैदान में होगा जन लोकपाल बिल लाने का आह्वान। साफ ऐलान होगा कि जनलोकपाल बिल लाओ नहीं तो वापस जाओ। वापस तो जाएंगे नहीं लोकपाल बिल लाना पड़ेगा।
अन्ना ने कहा कि लाखों लोगों ने आजादी की लड़ाई में लोकतंत्र के लिए कुर्बानी दी। समूह के कारण भ्रष्टाचार बढ़ा है। जनतंत्र के बजाय देश में लूट तंत्र हो गया है। जहां कई जगह पैसा देकर वोट मिले वहां अछा जनप्रतिनिधि कहां से आएगा। अन्ना ने कहा कि देश की संसद में 165 संासद दागी हैं। 35 मंत्री भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं। उन्होंने कहा कि अब गलती सुधारने का समय है। क्योंकि दिल्ली की संसद से बड़ी जन संसद है। सबको संकल्प लेना होगा कि भ्रष्टाचारी को वोट नहीं करेंगे। जहां की जनता अपना प्रत्याशी खड़ा करेगी उसके प्रचार में हम स्वयं आएंगे। आने वाले चुनाव में राजनीतिक दलों को वोट नहीं देना है। उन्होंने कहा कि गांधी कहते थे कि गांव को बदलने से ही देश बदलेगा लेकिन राजनीतिक दलों ने गांवों में झगड़े पैदा कर दिए हैं। अब देश की जनता को संगठित कर पार्टियों को समाप्त करना है।
इससे पूर्व अन्ना के साथ आए संतोष भारती ने कहा कि अन्ना आने वाले लोकसभा चुनाव में राजनीतिक विकल्प देंगे। अन्ना जो भी बोलेंगे देश, तकलीफ व आमआदमी का दर्द बोलेंगे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. महेंद्र मेहरा मधु व भूपेंद्र चौधरी ने संयुक्त रूप से किया। यात्रा के संयोजक डॉ. रमेश चंद्र लोहुमी ने सभी का आभार जताया।
अन्ना हजारे की सभा में बिन बुलावे के उमड़ा जनसैलाब अल्मोड़ा के इतिहास में कई दशकों बाद देखने को मिला। आज के दौर में राजनीतिक दलों की किसी भी जनसभा में ऐसी स्वत: स्फूर्त भीड़ देखने को नहीं मिलती है। अन्ना को सुनने आया जनसैलाब राजनीतिक दलों के लिए उनकी विश्वनीयता का आइना भी दिखा रहा था। अन्ना की सभा से ऐन पहले आयोजकों और प्रशासन के अधिकारियों के बीच सभा की अनुमति को लेकर विवाद पैदा हो गया। बाद में सभा स्थल पर ही आयोजक समिति ने प्रशासन की अनुमति ली। आयोजक समिति के सदस्यों ने आरोप लगाया कि अन्ना का कार्यक्त्रम काफी दिन पहले से तय था और उसे रामलीला मैदान में रखा गया था, जो सार्वजनिक स्थल है। प्रशासन राजनीतिक दबाव में आकर इस तरीके की कार्रवाई कर रहा है, जो उचित नहीं है।

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