IPL स्पॉट फिक्सिंग: बीसीसीआई अध्यक्ष श्रीनिवासन पर बढ़ा इस्तीफे का दबाव
नई दिल्ली : बीसीसीआई अध्यक्ष के पद पर अब तक मजबूती से चिपके एन. श्रीनिवासन का सिंहासन अब डोलने लगा है। स्पॉट फिक्सिंग मामले को लेकर श्रीनिवासन पर इस्तीफे का दबाव बढ़ने लगा है। दबाव इस कदर हैं कि श्रीनिवासन के लिए अपनी कुर्सी को बचाए रखना अब लगभग नामुमकिन है। उन्हें बीसीसीआई से बाहर करने के लिए सियासी लामबंदी तेज हो गई है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा इस्तीफा मांगने के बाद आईपीएल के कमिश्नर व केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला ने श्रीनिवासन को उनके दामाद के खिलाफ चल रही जांच प्रक्रिया से दूर रहने की सलाह दी। शुक्ला ने यह सलाह देने से पहले राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली से मुलाकात की। वहीं, केंद्रीय खेल मंत्री जितेंद्र सिंह ने भी पहली बार खुलकर श्रीनिवासन का इस्तीफा मांग लिया। वहीं, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने भी श्रीनिवासन का विरोध करते हुए कहा कि उन्हें यह पद छोड़ देना चाहिए।
स्पॉट फिक्सिंग मामले में गिरफ्तार आरोपी गुरुनाथ मयप्पन की पुलिस हिरासत बढ़ाए जाने के बाद सरकार ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन से इस्तीफा देने का आह्वान किया। लगातार उठ रही इस्तीफे की मांगों के बावजूद श्रीनिवासन इस्तीफा न देने पर अड़े रहे। खेल मंत्रालय ने कहा कि क्रिकेट मैच में स्पॉट फिक्सिंग की खबरों से युवा एवं खेल मंत्रालय काफी व्यथित है।
मंत्रालय ने कहा कि चूंकि आईपीएल की फ्रेंचाइजी चेन्नई सुपर किंग्स का स्वामित्व इंडिया सीमेंट्स के पास है और श्रीनिवासन इस कम्पनी के अध्यक्ष हैं, लिहाजा हितों के टकराव को देखते हुए श्रीनिवासन को इस मामले की जांच पूरी होने तक अपना पद छोड़ देना चाहिए। मंत्रालय के वक्तव्य में कहा गया है कि चूंकि इस जांच में हितों के टकराव की स्थिति दिख रही है, इसलिए बीसीसीआई अध्यक्ष को, जब तक जांच के परिणाम नहीं आ जाते, नैतिक आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए।
वहीं, बुधवार को मुम्बई की एक अदालत ने मयप्पन की पुलिस हिरासत को शुक्रवार, 31 मई तक के लिए बढ़ा दी। पुलिस ने मयप्पन की हिरासत अवधि बढ़ाए जाने की मांग की और कहा कि वे मयप्पन और इसी मामले में गिरफ्तार बॉलीवुड अभिनेता विंदू दारा सिंह को चेन्नई के एक होटल मालिक, विक्रम अग्रवाल के सामने लाकर पूछताछ करना चाहते हैं। पुलिस के वकील ने कहा कि दोनों आरोपियों के बीच मैच, सट्टेबाजी तथा खिलाड़ियों के सम्बंध में फोन पर कूट संकेतों में बातचीत होती थी, और उन कूट संकेतों को समझने के लिए उनका हिरासत में रहना जरूरी है।
आईपीएल के अध्यक्ष राजीव शुक्ला तथा बीसीसीआई के उपाध्यक्ष अरुण जेटली ने मयप्पन के आरोपों की जांच होने तक श्रीनिवासन को बीसीसीआई से दूरी बनाए रखने के लिए कहकर बोर्ड की बेचैनी को प्रकट किया। शुक्ला ने नई दिल्ली में मीडिया से कहा कि हमारे विचार से, उन्हें अपने दामाद पर लगे आरोपों की जांच होने तक दूरी बरतनी चाहिए। शुक्ला ने आगे कहा कि हम बीसीसीआई की छवि के प्रति चिंतित हैं। हमने उनसे जांच पूरी होने तक पद छोड़ने का आग्रह किया है। अब निर्णय उनके हाथ में है। उन्होंने कहा कि उन्होंने कोई गलत कार्य नहीं किया है। यही उनके विचार हैं। बीसीसीआई के सचिव संजय जगदाले, कर्नाटक तथा तमिलनाडु उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) टी. जयराम चौटा तथा तमिलनाडु उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश आर. बालासुब्रमण्यम स्पॉट फिक्सिंग मामले की जांच करेंगे।
बीसीसीआई की यह समिति मयप्पन, आईपीएल की चेन्नई सुपर किंग्स टीम की स्वामित्व वाली कम्पनी इंडिया सीमेंट्स लिमिटेड के साथ-साथ राजस्थान रॉयल्स टीम की मालिक जयपुर आईपीएल प्राइवेट लिमिटेड की जांच करेगा। इससे पहले मंगलवार को बीसीसीआई की वित्तीय समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया ने तथा उनसे भी पहले बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष इंदरजीत सिंह बिंद्रा ने श्रीनिवासन के इस्तीफे की मांग की थी। श्रीनिवासन पर इस्तीफे का दबाव लगातार बने रहने के बावजूद वह इस्तीफा न देने पर अड़े हुए हैं। श्रीनिवासन ने कहा कि शुक्ला का आग्रह खुद उन्हीं (श्रीनिवासन) के द्वारा दिए गए बयान का दोहराव भर है।
सिंधिया के विचारों के बारे में पूछे जाने पर श्रीनिवासन ने कहा कि मैं व्यक्तिगत टिप्पणियों का जवाब नहीं दूंगा। सिंधिया की टिप्पणी के बाद श्रीनिवासन के दावे की पोल खुल गई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि बीसीसीआई के अध्यक्ष के रूप में कार्य करते रहने पर बोर्ड एकमत है।
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