बांग्लादेश में जमात के वरिष्ठ नेता के खिलाफ सुनवाई पूरी

ढाका- बांग्लादेश में 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान हुए युद्ध अपराधों की सुनवाई कर रहे ट्रिब्यूनल ने कट्टरपंथी पार्टी जमात-ए-इस्लामी [जेआइ] के वरिष्ठ नेता अली हसन मोहम्मद मुजाहिद के खिलाफ सुनवाई पूरी कर ली है। अब किसी भी दिन इस हाई प्रोफाइल मामले में फैसला आ सकता है। द्वितीय ट्रिब्यूनल के चेयरमैन जस्टिस ओबेदुल हक ने बुधवार को बताया कि इस मामले को अब सीएवी [क्यूरिया एडवायजरी वॉल्ट] के तौर पर रखा गया है। हक ने जिस लैटिन शब्द का इस्तेमाल किया उसका मतलब होता है कि सुनवाई पूरी हुई। अब बस फैसला लिया जाना है। अदालत के अधिकारियों ने बताया कि ताकतवर प्राधिकरण मानवता के खिलाफ हुए अपराधों पर फैसला लेने की तारीख की घोषणा करेगा।
अली हसन जेआइ के महासचिव हैं। वह बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी [बीएनपी] की गठबंधन सरकार में 2001 से 07 तक समाज कल्याण मंत्री थे। ट्रिब्यूनल ने 21 जून, 2012 को हसन के खिलाफ अभियोग लगाया था। उन पर पाकिस्तानी सेना के साथ मिलकर नरसंहार करने के अलावा सात अपराधों में मामला चल रहा है। हसन अल बद्र मिलीशिया के प्रमुख थे। इस मिलीशिया ने बांग्लादेश की स्वतंत्रता के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। प्राधिकरण के सामने 17 लोगों ने हसन के खिलाफ गवाही दी है। केवल हसन के बेटे ने उनके पक्ष में गवाही दी। उन्हें जून, 2010 में गिरफ्तार किया गया था। सरकारी वकील तुरीन अफरोज ने आखिरी बहस के दौरान कहा कि ऐसे राक्षस के लिए मौत की सजा से कम कुछ नहीं दिया जाना चाहिए। हालांकि, बचाव पक्ष ने कहा कि अभियोजन पक्ष हसन के खिलाफ लगाए गए आरोपों को साबित नहीं कर सका। अली हसन ने 2008 में बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम को गृह युद्ध कहा था। उन्होंने कहा था कि आजादी के खिलाफ लडऩे वाली ताकतें कभी थी ही नहीं।

 

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