दुनिया चाहती हैं शरणार्थियों के लिए नया दृष्टिकोण बने: एडवोकेटस
औटवा। टॉम कूचरेन ने कहा कि दुनिया अब शरणार्थियों के बारे में अलग नजरियां चाहती हैं, वह दसीयों हजार साईरिन शरणार्थियों को पक्का आश्रय चाहती हैं जिससे लोग अपने भविष्य में आगे बढ़ सके।
इस वर्ष के अंत तक कैनेडा में 30,000 से भी अधिक साईरिन प्रवेश पा लेंगे, वे सभी प्रसन्न हैं कि अब उन्हें एक स्थाई निवास मिलेगा। जब कूचरेन उनकी बस्ती में घूम रहे थे जब कुछ बच्चे लाईफ इज हाईवै गाने पर नाच गा रहे थे। लेकिन वे सभी अभी भी अपने घर जाना चाहते हैं। उन्होंने अपने साक्षात्कार में कहा कि अब सभी लोगा दुनिया में शांति चाहते हैं, और इसके लिए वह शांति संदेश अपने बच्चों से प्रारंभ करेंगे और उन्हें पता हैं कि इनकी बात कोई नहीं टालेगा।
दुनिया में हलचल का सबसे बुरा असर बच्चों पर होता हैं। दुनिया द्वारा दिए जाने वाले अनुदानों का कुछ भाग इनको मिल पाता हैं परन्तु वह पैसा भी शिक्षा के लिए खर्च न होकर अन्य कार्यों में खर्च होता हैं, इसके लिए दुनिया के अनेक सेलीब्रेटिज आगे आएं हैं और उन्होंने मिलकर इन बच्चों के लिए अनेक कार्य किए जिससे इनकी भरपूर मदद हो सके। लेकिन एक दिन में सब बदल नहीं सकता, अभी भी पूरी दुनिया में जलवायु परिवर्तन के कारण 60 मिलीयन लोग अपने स्थानों को छोड़कर इधर उधर भटक रहे हैं जो द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात सबसे बड़ी संख्या हैं लोगों के शरणार्थी बनने की।
गत सोमवार को विश्व शरणार्थी दिवस पर एक संस्था द्वारा कहा गया कि इस विषय पर गहन में सोचने की आवश्यकता हैं।
महीनों पहले पांच एजेन्सियों ने मिलकर एक जागरुकता मिशन का प्रारंभ किया जिसमें जरुरतमंद लोगों की मदद द्वारा जागरुकता फैलाने की आवश्यकता बताई गई, इन वर्षों में इसके साथ संघीय सरकार को जोड़ने की कोशिश की गई। जिससे परिणाम और अधिक स्पष्ट हो सके।
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