ट्रुडो ने परम्परागत रिवाजों के साथ मनाया आदिवासी दिवस
– प्रधानमंत्री जस्टीन ट्रुडो ने डोंगी में भी की यात्रा
गेटीनीयु, क्यूबेक । 20वें वार्षिक राष्ट्रीय आदिवासी दिवस पर प्रधानमंत्री जस्टीन ट्रुडो ने विशिष्ठ रुप से भाग लिया, और उनके परंपरागत रिति रिवाजों में भाग लेकर इसे और अधिक महत्वपूर्ण बना दिया।
ट्रुडो ने सनराईज रिति रिवाज के अनुसार औटवा नदी के समीप परंपरागत परिधान धारण किए और बकस्कीन जैकेट भी पहनी, ट्रुडो के कार्यालय से एक प्रवक्ता के अनुसार वह एकदम अपने पिता स्व. पीरै इलीऑट ट्रुडो के समान दिख रहे थे। सूत्रों के अनुसार पीएरे एलीयट ट्रुडो भी परंपरागत रिति रिवाजों का बहुत सम्मान करते थे, पूर्व प्रधानमंत्री भी मृगछाल पहन इस प्रकार के जोखिम भरे कार्य करते थे।
प्रधानमंत्री जस्टीन ट्रुडो ने परंपरागत डोंगी में यात्रा कर क्यूबेक और ओंटेरियो के घाट पर जैसे ही सूरज उगता हैं तभी उस उत्तम समय पर उन्होंनेे पवित्र स्नान किया।
राष्ट्रीय आदिवासी दिवस पिछले दो दशको से प्रत्येक 21 जून को मनाया जाता हैं, इस वर्ष यह समारोह कैनेडा के म्युजियम ऑफ हिस्ट्री के बाहर मनाया गया जिसमें कई संघीय कैबीनेट मंत्रियों और साधारण सांसदों ने अपनी उपस्थिति दर्ज की।
प्रथम राष्ट्र के आधारभूत समारोह में इस उत्सव की सदैव प्रधानता रहती हैं, इसमें खेले जाने वाले परंपरागत खेलों से आज भी कैनेडियनस अपनी परंपराओं से जुड़े हुए हैं और उनके सम्मान में सदा तत्पर रहते हैं।
ट्रुडो ने इस मौके पर अपना कोई संबोधन नहीं दिया, परन्तु गत दिवसों में कुछ आदिवासी समुदायों में हुई आत्महत्याओं पर चिंता व्यक्त की, इस आपदा से बचाने के लिए सरकार द्वारा उनके परिवारों और बच्चों को अधिकतर सुविधाएं देने का वचन भी दिया, जिससे वे उनके भविष्य के लिए चिंतित न हो और उन्हें आत्महत्या का मार्ग नहीं अपनाना पड़े।
लिबरलस ने अपने चुनावी प्रचार के दौरान भी आदिवासियों के बच्चों को उचित शिक्षा व रोजगार का वादा किया था, जिसे पूर्ण करने के लिए वे सदैव तत्पर रहेंगे और इस क्रियान्वयण में उन्होंने कई कदम उठा भी लिए।
इस मौके पर वुडलैंड कल्चरल सेंटर के दौरे पर आएं गर्वनर जनरल डेविड जॉनस्टन ने कहा कि हमें इन आदिवासियों के उत्थान के लिए ऐसी संस्थाओं को और अधिक मात्रा में खोलने चाहिए। पूर्व प्रधानमंत्री ने भी इस प्रकार की संस्थाओं को खोलने में सदा पहल की थी।
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